धार्मिक

लड्डू गोपाल की सेवा में न करें ये भूल, तुरंत करें सुधार, ताकि उनकी कृपा बनी रहे

नई दिल्ली 

कई घरों में लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva Niyam) की सेवा पूरे श्रद्धाभाव से की जाती है। यदि आपके घर में भी उनकी सेवा होती है, तो उनकी पूजा और देखभाल से जुड़े इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना अनिवार्य है, ताकि उनकी कृपा बनी रहे।

मूर्ति का सही आकार और धातु
सबसे पहले, लड्डू गोपाल की मूर्ति का आकार अंगूठे के आकार का या लगभग 3 इंच जितना छोटा होना शुभ माना जाता है। मूर्ति न तो बहुत बड़ी हो और न ही बहुत छोटी।
 श्रद्धा अनुसार, आप पीतल, तांबा, कांसा, चांदी या सोने से बनी मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। हालांकि, अष्टधातु से बनी मूर्ति को सर्वाधिक शुभ माना जाता है।

स्थापना की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को स्थापित करने के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) सबसे उत्तम है। इस दिशा में स्थापना से आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।

ध्यान रखें कि मूर्ति हमेशा किसी ऊंचे स्थान या चौकी पर ही रखी जाए, और लड्डू गोपाल जी का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

इन गलतियों से बचें
घर में कभी भी खंडित (टूटी हुई) मूर्ति न रखें। इससे नकारात्मकता बढ़ती है। खंडित मूर्ति को बहते जल में विसर्जित करके क्षमा याचना के साथ नई मूर्ति स्थापित करें।

लड्डू गोपाल को कभी भी पुराने या गंदे वस्त्र नहीं पहनाने चाहिए, अन्यथा वह आपसे रुष्ट हो सकते हैं।
  
भोग से जुड़े जरूरी नियम
    भोग हमेशा स्नान के बाद तैयार किया जाना चाहिए और यह पूरी तरह सात्विक होना चाहिए।
    भोग में तुलसी दल डालना अनिवार्य है, इसके बिना भोग अधूरा माना जाता है।
    भोग लगाने के लिए हमेशा चांदी, पीतल, तांबा या कांसे जैसी धातुओं से बने बर्तनों का उपयोग करें। प्लास्टिक के बर्तनों में भोग लगाना शुभ नहीं है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button