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विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश के विज़न पर मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसम्बर को

विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश के विज़न पर मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसम्बर को

राज्यपाल पटेल करेंगे विधानसभा की सात दशक की यात्रा एवं मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष के कार्यों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार की दो वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्ध‍ियों पर विधान सभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसम्बर को आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर विधानसभा में मध्यप्रदेश विधानसभा की 7 दशक की यात्रा एवं मध्‍यप्रदेश सरकार के दो वर्ष के कार्यों पर केन्द्रित विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जिसका शुभारंभ राज्यपाल मंगुभाई पटेल करेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि 17 दिसंबर का दिन मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में महत्वपूर्ण है। इसी दिन मध्यप्रदेश विधानसभा की प्रथम बैठक हुई थी। इस विशेष सत्र में सभी सदस्य विकसित मध्यप्रदेश के विजन को धरातल पर उतारने के लिए क्या कदम उठाना चाहिए इस पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। तोमर ने कहा कि आज हमारा प्रदेश विकासशील राज्यों में गिना जाता है। हम सक्षम हैं, अनेक क्षेत्रों में प्रदेश ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। लेकिन आने वाले कल में हम विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण का लक्ष्य रखते हैं। इसलिए हमारी पीढ़ी का यह दायित्व है कि इस दिशा में हम चिंतन भी करें और सटीक कदम भी उठाएं।

राज्‍य पुर्नगठन आयोग की अनुशंसा पर 1 नवम्‍बर, 1956 को मध्‍यप्रदेश राज्‍य का गठन हुआ था। मध्‍यप्रदेश विधान सभा के प्रथम सत्र की अवधि 17 दिसम्‍बर, 1956 से 17 जनवरी, 1957 थी, सत्र की पहली बैठक 17 दिसंबर 1956 को आहूत हुई थी। तब से अब तक 16 विधानसभा गठित हो चुकी हैं। वर्तमान में 16 वीं विधानसभा कार्यरत है। प्रदेश के विकास एवं आमजन के कल्याण में मध्यप्रदेश विधानसभा एवं सदस्यों का सदैव सक्रिय योगदान एवं भूमिका रही है। प्रथम विधानसभा से अब तक विधानसभा के 19 अध्यक्ष आसंदी पर रहे हैं।

17 दिसंबर 2025 को आहूत एक दिवसीय विशेष सत्र में मध्यप्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण राष्ट्र “विकसित भारत” के संकल्प की सिद्धी की ओर अग्रसर है। विकसित भारत के लिए विकसित मध्यप्रदेश आवश्यक है और इसमें विधायिका की अपनी भूमिका और दायित्व है। प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के इसी विज़न पर सदन में चर्चा होगी।

17 दिसंबर को प्रातः 10.00 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल विधानसभा परिसर में विधानसभा की 7 दशक की यात्रा पर चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। इस ऐतिहासिक चित्र प्रदर्शनी मे 136 चित्र लगाये गये है। इसमें कुछ दुर्लभ चित्र भी सम्मिलित हैं। ये चित्र प्रथम विधानसभा से वर्तमान सोलहवीं विधानसभा के विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों के हैं। यह प्रदर्शनी विशेषकर विद्यार्थियों के साथ विशिष्‍ष्‍ट जनों एवं आम नागारिकों के लिए भी खुली रहेगी, 18 से 25 दिसंबर के बीच विधानसभा में प्रवेश पत्र बनवा कर प्रदर्शनी देख सकते हैं। प्रवेश पत्र के लिए आधार कार्ड/विद्यालय/महाविद्यालय का परिचय पत्र भी लाना आवश्यक रहेगा। इस प्रदर्शनी के साथ मध्यप्रदेश सरकार के विकास कार्यों के भी छाया चित्र लगाए गए है, जिसमें प्रदेश सरकार के 2 वर्ष के कामकाज का लेखा−जोखा रखा गया है। यह ऐतिहासिक प्रदर्शनी मध्यप्रदेश के 5 हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों के योगदान को भी याद कराती है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, मंत्रिगण, सदस्यगण, पूर्व विधायक एवं अन्य गणमान्य जन उपास्थित रहेंगे।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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