राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मणिपुर संघर्ष पर मोहन भागवत का बयान: जातीय मतभेद सुलझाने में समय लगेगा

कोलकाता
 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में लड़ने वाले पक्षों के बीच मतभेदों को सुलझाने में समय लगेगा. उन्होंने भरोसा जताया कि आखिरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति कायम होगी. हाल ही में मणिपुर के दौरे पर गए भागवत ने कहा कि उन्होंने राज्य के सभी आदिवासी और सामाजिक नेताओं के साथ-साथ युवा प्रतिनिधियों से भी बातचीत की है.

उन्होंने कहा कि गड़बड़ी, खासकर कानून और व्यवस्था की समस्याएं, धीरे-धीरे कम हो रही हैं और लगभग एक साल में खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा, 'लेकिन लोगों के मन को जोड़ना एक बड़ा काम है और इसमें समय लगेगा.' उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका एकमात्र तरीका बातचीत करना और लड़ने वाले पक्षों को एक पेज पर लाना है.

संघ की सौवीं सालगिरह मनाने के लिए यहां हुए एक कार्यक्रम में आरएसएस चीफ ने कहा, 'ऐसा किया जा सकता है, क्योंकि असल में जोश पहले से ही है.' उन्होंने कहा, 'हम अरुणाचल, मेघालय में ऐसा कर सकते हैं. हम नागालैंड और दूसरी जगहों पर भी ऐसा कर रहे हैं.' भागवत ने कहा कि मणिपुर में आरएसएस की करीब 100 शाखाएं हैं.

उन्होंने कहा कि मणिपुर में आखिरकार शांति आएगी, लेकिन इसमें निश्चित रूप से समय लगेगा. लेक्चर और बातचीत कार्यक्रम में शामिल एक व्यक्ति ने पूछा कि संघ बीजेपी के टॉप लीडरशिप से दूरी क्यों बनाए हुए है तो आरएसएस चीफ ने कहा कि संघ ने हमेशा भगवा पार्टी से दूरी बनाए रखी है.

उन्होंने कहा, 'हम सभी बीजेपी नेताओं से बहुत दूर रहते हैं.' साथ ही जल्दी से यह भी कहा, 'हम हमेशा नरेंद्र भाई (PM मोदी), अमित भाई (केंद्रीय गृह मंत्री शाह) के करीब रहे हैं. दोनों नेताओं को संघ के करीबी माने जाते हैं और पीएम मोदी पहले संगठन के प्रचारक थे.

उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी लीडरशिप के बीच रिश्तों के बारे में ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और कहा कि संघ किसी के साथ भी अपने रिश्ते नहीं छिपाता, चाहे वह कोई भी राजनीतिक संगठन हो.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button