राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

नेता प्रतिपक्ष ने की सीएम विवेकाधीन कोष की सराहना, सीएम योगी ने आभार के साथ गिनाए सपा काल के घोटाले

नेता प्रतिपक्ष बोले- कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में जरूरतमंदों के लिए संजीवनी साबित हो रही है सरकार की योजना

सत्ता–विपक्ष के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी योजना से हो रहे हैं लाभान्वितः माता प्रसाद पांडे  

लखनऊ,

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच सकारात्मक संवाद देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की खुले मंच से प्रशंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आभार जताते हुए पूर्ववर्ती सरकार की नीतिगत विफलताओं और घोटालों को सदन के सामने रखा।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार में यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। इसके माध्यम से न केवल सत्ता पक्ष बल्कि विपक्ष के विधायकों की संस्तुतियों पर भी जरूरतमंदों को सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से मुस्लिम समाज के लोग भी समान रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष के वक्तव्य पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका आभार व्यक्त किया, लेकिन अपने संबोधन में उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों और प्रशासनिक लापरवाहियों का उल्लेख भी किया।

मुख्यमंत्री ने गिनाए घोटाले और अनियमितताएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए। अनेक छात्रों की स्कॉलरशिप रोकी गई या समय पर नहीं दी गई, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने पेंशन योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले दिव्यांगजन, निराश्रित महिलाएं और वृद्धजन केवल ₹300 से ₹750 की अधूरी और अनियमित पेंशन पाते थे, जबकि वर्तमान सरकार डीबीटी के माध्यम से पारदर्शी व्यवस्था के तहत सालाना ₹12,000 सीधे उनके खातों में भेज रही है। मुख्यमंत्री योगी ने सड़क निर्माण योजनाओं में ‘टोकन मनी’ की व्यवस्था को भी गंभीर अनियमितता बताया। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को स्वीकृति देकर मात्र ₹1 लाख जारी किया जाता था, जिससे कार्य ठप रहता था और योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाती थीं। मुख्यमंत्री ने बिजली उत्पादन, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में भी पिछली सरकार की नीतियों को विफल बताया और कहा कि 2017 से पहले की लापरवाही के कारण प्रदेश विकास की दौड़ में पीछे रह गया था।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button