राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित

नई दिल्ली

बांग्लादेश में हिंदुओं सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता और नाराजगी देखी जा रही है. हालात ऐसे हैं कि केवल हिंदू ही नहीं, बल्कि ईसाई और सिख समुदाय भी हिंसा और अमानवीय व्यवहार का शिकार बन रहे हैं. हाल ही में एक हिंदू युवक को भीड़ द्वारा बेरहमी से मार डाले जाने और बाद में उसके शव को पेड़ से लटकाकर जला दिए जाने की घटना ने पूरी दुनिया को भीतर तक झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि हिंदुओं के लिए आखिर सबसे अत्याचारी मुस्लिम देश कौन सा है?

क्या सबसे अत्याचारी देश की कोई आधिकारिक रैंकिंग है?

सबसे पहले यह स्पष्ट करना जरूरी है कि किसी भी मान्य अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा हिंदुओं के लिए सबसे अत्याचारी मुस्लिम देश की आधिकारिक रैंकिंग जारी नहीं की जाती है. धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करने वाली संस्थाएं- जैसे USCIRF, Amnesty International और Pew Research देशों की स्थिति को घटनाओं, कानूनों और सामाजिक माहौल के आधार पर आकलित करती हैं, न कि किसी एक समुदाय के लिए सीधी रैंकिंग बनाती हैं. 

धार्मिक उत्पीड़न को कैसे मापा जाता है

अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स आमतौर पर तीन आधार देखती हैं- कानूनी ढांचा, सरकारी संरक्षण या निष्क्रियता, और सामाजिक हिंसा. जब किसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमले होते हैं और उन पर कार्रवाई नहीं होती, तो उसे धार्मिक स्वतंत्रता के लिए जोखिमपूर्ण माना जाता है. यह आकलन किसी एक धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों पर लागू होता है.

कौन सा देश हिंदुओ के लिए सबसे अत्याचारी

किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने यह घोषित नहीं किया है कि किस मुस्लिम देश में हिंदुओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है, लेकिन मान्य वैश्विक रिपोर्टों और तथ्यों के आधार पर कुछ देशों का नाम बार-बार गंभीर स्थिति के रूप में सामने आता है. वर्तमान अंतरराष्ट्रीय आकलनों के अनुसार हिंदुओं के लिए सबसे ज्यादा कठिन और असुरक्षित हालात जिन मुस्लिम देशों में माने जाते हैं, उनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान टॉप पर आते हैं.

पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति

पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ जबरन धर्मांतरण, विशेषकर नाबालिग लड़कियों के मामले, मंदिरों पर हमले, ईशनिंदा कानूनों का दुरुपयोग और सामाजिक भेदभाव जैसी घटनाएं लगातार अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में दर्ज होती रही हैं. यही कारण है कि USCIRF और अन्य मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों में पाकिस्तान को धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए उच्च जोखिम वाला देश माना जाता है.

अफगानिस्तान के हालात

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद हालात और भी खराब हुए हैं. वहां हिंदू समुदाय लगभग समाप्ति की कगार पर है. धार्मिक स्वतंत्रता लगभग नहीं के बराबर है और खुले तौर पर हिंदू पहचान के साथ रहना बेहद मुश्किल माना जाता है.

बांग्लादेश की स्थिति क्या कहती है

बांग्लादेश एक मुस्लिम-बहुल देश है, जहां हिंदू सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय हैं. अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में बांग्लादेश को अक्सर वॉच लिस्ट या चिंताजनक घटनाओं वाला देश माना गया है. दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा, मंदिरों पर हमले और जबरन पलायन की घटनाएं समय-समय पर रिपोर्ट हुई हैं. हालांकि बांग्लादेश का संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात करता है और सरकार आधिकारिक रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दावा करती है. लेकिन इस वक्त वहां के हालात हिंदुओं के बद से बदत्तर हो चुके हैं. 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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