राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह- 2026 के लिए तय किया गया ‘जीरो फेटेलिटी’ का लक्ष्य

परिवहन, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज और सूचना विभाग समन्वित रूप से चलाएगा प्रदेशव्यापी अभियान

नो हेलमेट, नो फ्यूल का चलेगा प्रदेशव्यापी अभियान, दोपहिया वाहन चालकों को किया जाएगा जागरूक

लखनऊ-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को शून्य करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह को ‘जीरो फेटेलिटी माह’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह- 2026, 01 जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगा । इस दौरान प्रदेश का परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज और सूचना विभाग सहित सभी संबंधित स्टेकहोल्डर विभागों को समन्वित रूप से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस क्रम में प्रदेश के सभी जनपदों में 25 दिसंबर से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सड़क सुरक्षा माह के दौरान चलाये जाने वाले विशेष अभियानों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

प्रदेश में 363 हाई रिस्क कॉरिडोर चिह्नित, होगी सख्त प्रवर्तन कार्रवाई

सीएम के विजन के अनुरूप राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह में जीरो फेटेलिटी के लक्ष्य को पाने के उद्देश्य से प्रदेश के परिवहन एवं पुलिस विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस क्रम में प्रदेश में 363 हाई रिस्क कॉरिडोर चिह्नित किये हैं, जहां सख्त प्रवर्तन अभियान चलाये जाएंगे। इसके साथ ही पहले से चल रही जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट योजना के तहत चुने गये 20 जनपदों में 233 क्रिटिकल पुलिस थाना क्षेत्रों का चयन किया गया है। जिनमें विशेष अभियान चलाकर दुर्घटनाओं पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने, ओवरस्पीडिंग, लेन उल्लंघन, गलत दिशा में वाहन चलाने, हेलमेट व सीट-बेल्ट न पहनने, रिफ्लेक्टर टेप, फॉग लाइट, बिना परमिट व बिना फिटनेस संचालित वाहनों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

स्वास्थ्य विभाग कर रहा इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्रोटोकॉल में सुधार
 
जनवरी माह में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” का प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा, ताकि दोपहिया चालकों में हेलमेट पहनने की आदत विकसित की जा सके। रोड एक्सीडेंट से होने वाली मौतों की संख्या में कमी लायी जा सके। लोक निर्माण विभाग व अन्य रोड ओनिंग एजेंसियों को चिह्नित किये गये 1484 ब्लैक स्पॉट्स पर अल्पकालिक सुधार कार्यों जैसे- रोड मार्किंग, साइनेज और क्रैश बैरियर लगाने का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्रोटोकॉल सुधारने, एएलएस एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा ट्रॉमा केयर सेंटरों में गैप, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर की कमी दूर करने के जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं।

शिक्षा और सूचना विभाग चलायेगा जागरूकता अभियान

पंचायती राज विभाग, प्रत्येक ग्राम सभा में सड़क सुरक्षा पर बैठकें आयोजित करेगा, जो ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ने वाली सड़कों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने के जरूरी इंतजाम को सुनिश्चित करेगीं। तो वहीं शिक्षा विभाग स्कूलों में चित्रकला, भाषण और नाटक प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करेगा, जबकि सूचना विभाग परिवहन विभाग के साथ मिलकर यातायात नियमों के व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य को अंजाम देगा। सरकार का लक्ष्य है कि इन समन्वित प्रयासों से विशेषकर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह, जनवरी 2026 में सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाई जाए और सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो फेटेलिटी’ के सपने को साकार किया जा सके। साथ ही इस अभियान को आगे भी लागू किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button