राजनीति

RSS पर दिग्विजय सिंह के बयान को मिला शशि थरूर का समर्थन, संगठन की मजबूती पर जताई सहमति

नई दिल्ली 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों संघ और भाजपा के संगठन पर दिए बयान के बाद चर्चा में बने हुए हैं। कांग्रेस पार्टी में ही कई लोग उनके इस बयान पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि इसी बीच केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपने साथी के समर्थन में आगे आए हैं। थरूर ने कहा कि किसी भी पार्टी में अनुशासन जरूरी होता है। इस मामले में कांग्रेस का इतिहास 140 साल पीछे जाता है, हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
 
थरूर ने कहा, "हमारी पार्टी का 140 साल पुराना इतिहास है। हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। किसी भी पार्टी में अनुशासन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। मैं भी चाहता हूं कि हमारा संगठन मजबूत हो, हमारे संगठन में अनुशासन होना चाहिए, दिग्विजय सिंह इस मामले में खुलकर अपनी बात कह सकते हैं।" थरूर ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि कांग्रेस में सभी का लक्ष्य अपने संगठन को मजबूत करना ही होना चाहिए।

कांग्रेस के भीतर सुधार की जरूरत पर बयान देकर विवादों में आए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के तर्क का थरूर ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कांग्रेस को पार्टी को आतंरिक अनुशासन और संगठन की मजबूती पर ध्यान देना चाहिए।

मीडिया से बात कर रहे थरूर से जब पूछा गया कि क्या इस मामले में उन्होंने दिग्विजय सिंह से बात की है। इस पर उन्होंने कहा कि उनके बीच बातचीत होना स्वाभाविक है। थरूर ने कहा, "हम दोस्त हैं और बातचीत होती रहती है। संगठन को मजबूत किया जाना चाहिए, इसमें कोई विवाद वाली बात नहीं है और न ही कोई सवाल है।"
क्या है विवाद?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। आम तौर पर उनके इन बयानों के निशाने पर भाजपा होती है, लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा और संघ की तारीफ की। शनिवार को उन्होंने 1995 में प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर साझा कि, जिसमें पीएम तत्तकालीन भाजपा नेताओं के आगे जमीन पर बैठे हैं। इसके साथ दिग्विजय सिंह ने लिखा कि यहां से कांग्रेस सीख सकती है कि संघ और भाजपा किस तरह से जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को भी शीर्ष पदों पर पहुंचने का अवसर देती है।

दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट के बाद विवाद बढ़ गया। इसके बाद उन्होंने अपनी सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भाजपा और संघ के कट्टर विरोधी बने हुए हैं। हालांकि इसके बाद भी पार्टी की तरफ से लगातार उन पर परोक्ष हमले होते रहे।

दरअसल, कांग्रेस पार्टी के भीतर कई बार नेताओं ने दरकिनार किए जाने के आरोप लगाए हैं। कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इस तरह की शिकायत की है कि नेतृत्व संगठन की मजबूती पर ध्यान नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं इसी तरह के आरोपों के चलते कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में भी शामिल हो गए हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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