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साल के आखिरी रविवार महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े डेढ़ लाख भक्त, सर्दी में बढ़ी श्रद्धा

 उज्जैन
 ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में साल के आखिरी रविवार करीब डेढ़ लाख भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। सामान्य दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर पार्किंग से शक्तिपथ के रास्ते त्रिवेणी संग्रहालय द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया गया। शनिवार को जिस सम्राट अशोक सेतु पर ताला लगा दिया गया था।

रविवार को उसे 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद से सप्ताहंत में भक्तों की संख्या सर्वाधिक रहती आ रही है। इसका असर साल के आखिरी रविवार को भी नजर आया। देशभर से आए डेढ़ लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे।

शनिवार से भक्तों का उज्जैन पहुंचना शुरू हो गया था, जनदबाव के चलते प्रशासन को अपनी व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा था। रविवार को भी इसका असर दिखाई दिया। मंदिर प्रशासन ने उत्तर व पूर्व के सभी द्वारों को बंद कर केवल पश्चिम दिशा के श्री महाकाल महालोक व सम्राट अशोक सेतु से सामान्य व शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया।

अतिरिक्त इंतजाम शुरू किए

बीते दो दिनों की भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति व जिला प्रशासन द्वारा 31 दिसंबर व 1 जनवरी के लिए अतिरिक्त इंतजाम जुटाए जा रहे हैं। चारधाम पार्किंग में जिगजेग लगाने का काम शुरू हो गया है। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं।

कालभैरव मंदिर में भी दर्शनार्थियों का ताता

महाकाल मंदिर के अलावा कालभैरव, मंगलनाथ, अंगारेश्वर व चिंतामन गणेश मंदिर में भी आस्था उमड़ रही है। रविवार को 75 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान कालभैरव के दर्शन किए। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए कालभैरव मंदिर में भी प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था स्थगित रही। जिला प्रशासन की ओर से जारी सूची के आधार पर ही प्रोटोकाल दर्शन कराए जा रहे थे। मंदिर में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।

मंदिर के बाहर अब भी अव्यवस्था का अंबार

महाकाल मंदिर के बाहर अब भी अव्यवस्था का अंबार है। आसपास गली तथा शहनाई गेट के सामने मुख्य द्वार पर अवैध पार्किंग हो रही है, जो थोड़ा बहुत रास्ता बचता है उस पर हार फूल, माला, पूजन सामग्री बेचने वाले दुकान लगा लेते हैं। भारी भीड़ के बीच में सड़कों पर हो रहे इस अतिक्रमण को देखने वाला कोई नहीं है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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