राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

अनुसूचित जाति वर्ग के समग्र कल्याण के लिए सरकार कर रही प्रभावी कार्य : मंत्री चौहान

छात्रवृत्ति योजनाओं से मिल रही शिक्षा को मजबूती
स्वरोजगार योजनाओं से हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण
शौर्य संकल्प प्रशिक्षण योजना की जाएगी प्रारंभ
योजनाओं के ऑनलाइन संचालन के लिए एकीकृत विभागीय पोर्टल किया जाएगा विकसित

भोपाल
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के समग्र कल्याण के लिये शिक्षा, रोजगार, अधोसंरचना विकास एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र में निरंतर प्रभावी कार्य कर रही है। ऐतिहासिक असमानताओं से उत्पन्न घटनाओं की रोकथाम एवं त्वरित निराकरण के लिए भी राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। मध्यप्रदेश में लगभग 15.6 प्रतिशत (1 करोड़ 13 लाख) जनसंख्या अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित है। प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग की 48 जातियाँ सूचीबद्ध हैं। मंत्री श्री चौहान मंगलवार को अनुसूचित जाती कल्याण विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों एवं आगामी कार्ययोजना पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।इस दौरान प्रमुख सचिव श्री ई. रमेश कुमार, आयुक्त श्री सौरभ के सुमन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

छात्रावास संचालन
प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 1913 छात्रावास संचालित हैं, जिनमें 95,317 सीटें निर्धारित हैं। पूर्व में जहां छात्रावासों की उपयोगिता 80 प्रतिशत से कम थी, वहीं वर्तमान में 86,356 सीटें (90 प्रतिशत से अधिक) भरी जा चुकी हैं। आगामी समय में 100 प्रतिशत सीट उपयोग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

छात्रावास भवन निर्माण
प्रदेश में 326 भवन-विहीन छात्रावासों में से 63 नवीन भवन स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 33 भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा 30 भवन निर्माणाधीन हैं।इस वित्तीय वर्ष में 80 से अधिक नए छात्रावास भवन स्वीकृत करने की योजना है। आगामी 3 वर्षों में सभी भवन-विहीन छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाएगा।

सभी छात्रावासों को आदर्श छात्रावास के रूप में विकसित किया जाएगा, जिनमें वाई-फाई, ई-लाइब्रेरी, उन्नत रसोईघर तथा रेस्को मॉडल पर सोलर सिस्टम की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

छात्रवृत्ति
कक्षा 1 से उच्च शिक्षा तक अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा ₹8 लाख वार्षिक आय सीमा तक के विद्यार्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। शासकीय संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए आय सीमा का बंधन समाप्त कर दिया गया है। पिछले दो वर्षों में 49.47 लाख विद्यार्थियों को 2224 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई है। राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों आईआईएम,आईआईटी,ऐनआईटी एवं एनएलआईयू में अध्ययनरत 1819 विद्यार्थियों को 6.26 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।

विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति
विदेश में अध्ययन के लिए भी छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है जिसमें प्रतिवर्ष 50 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए चयनित किए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के 24 विद्यार्थी इस योजना के अंतर्गत विदेशों में अध्ययनरत हैं। इस वर्ष में 31 नवीन विद्यार्थियों का चयन किया गया है, जबकि 12 विद्यार्थी प्रतीक्षा सूची में हैं। योजना को अधिक सरल, प्रभावी एवं उपयोगी बनाने के उद्देश्य से इसके नियमों में सुधार किया जा रहा है तथा चयन प्रक्रिया को और अधिक वस्तुनिष्ठ एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है।इस योजना में प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष अधिकतम 50,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 45 लाख रुपये) तक की राशि शुल्क एवं भत्तों के रूप में प्रदान की जाती है। दो वर्ष की अवधि में प्रति विद्यार्थी लगभग 90 लाख रुपये तक की सहायता का प्रावधान है।

आवास सहायता योजना
घर से बाहर अध्ययनरत अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवास सहायता प्रदान की जा रही है। गत वर्ष 1.48 लाख से अधिक आवेदकों को लगभग राशि 130 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। वर्ष 2025-26 में योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दिल्ली में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए दिल्ली छात्र गृह योजना के अंतर्गत सीट क्षमता 50 से बढ़ाकर 300 प्रति वर्ष तथा शिष्यावृत्ति राशि 10,000 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।

ज्ञानोदय विद्यालय
अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों में ज्ञानोदय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां सीबीएसई पाठ्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा दी जा रही है। प्रत्येक विद्यालय में 640 विद्यार्थियों की क्षमता है। इसके अतिरिक्त 4 नए ज्ञानोदय विद्यालय स्वीकृत कर उनके भवन निर्माण प्रारंभ किए जाएँगे।

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को सिविल सेवा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 07 परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं जिसमे निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। पिछले दो वर्ष में इन केन्द्रों में 168 अभ्यर्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हुए।साथ ही प्रदेश में पिछले वर्ष में विभिन्न स्तरों पर चयनित 271 अभ्यर्थियों को राशि 41 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई।

स्वरोजगार योजनाएँ
संत रविदास स्वरोजगार योजना एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत 10 हजार से 50 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिस पर ब्याज अनुदान की सुविधा दी जाती है। पिछले दो वर्षों में दस हजार से अधिक युवाओं को लगभग 164 करोड़ रुपये का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया है। आगामी 3 वर्षों में 21 हजार से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button