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महाकाल मंदिर में दर्शन पर विवाद: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अभिनेत्री नुसरत भरूचा पर जताई नाराजगी

मुंबई /बरेली

बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर बरेली (यूपी) के मौलाना ने नाराजगी जाहिर की है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने महाकाल मंदिर में पूजा करके 'बड़ा पाप' किया है. इसलिए नुसरत को वहां जाने के लिए पछतावा करना चाहिए. 

आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस बार उनके निशाने पर मशहूर एक्ट्रेस नुसरत भरूचा हैं. दरअसल, हल ही में नुसरत एमपी के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर गई थीं. जैसे ही उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, एक तबका उनके खिलाफ हो गया. 

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, "नुसरत भरूचा उज्जैन के महाकाल मंदिर गईं, पूजा की, जल चढ़ाया और वहां की धार्मिक परंपराओं का पालन किया. इस्लाम इन सभी कामों की इजाजत नहीं देता. शरिया का हुक्म है कि नुसरत को पछतावा करना चाहिए, इस्तग़फ़ार पढ़ना चाहिए और कलमा पढ़ना चाहिए. उन्होंने इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है. इसलिए, वह शरिया के दायरे में आ गई हैं और एक गंभीर बड़े पाप की दोषी हैं. उनके लिए पछतावा करना जरूरी है."

'नए साल का जश्न नाजायज'

इससे पहले शहाबुद्दीन रजवी ने वीडियो जारी कर मुस्लिम समाज के लोगों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की थी. उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बताया और कहा कि शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न नाजायज है. मौलाना का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा था कि इस्लामी कैलेंडर का साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है. ऐसे ही हिंदू कैलेंडर का साल चैत्र माह से शुरू होता है. 31 दिसंबर या एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाना यूरोपियन कल्चर है. नए साल के जश्न के नाम पर 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी, शोर-शराबा, हंगामा, नाचना-गाना होता है. शरीयत में इन तमाम चीजों की इजाजत नहीं है. अगर कहीं से जश्न मनाने की खबर मिली तो उलमा इसे सख्ती से रोकेंगे.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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