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सिद्दीकी की ‘लिपस्टिक’ वाली टिप्पणी को लेकर RJD की हो रही आलोचना, BJP समेत अन्य दलों ने जताया विरोध

पटना
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को शनिवार को अपने एक शीर्ष नेता की टिप्पणियों को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिन्होंने कहा है कि महिला आरक्षण विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में केवल ‘लिपस्टिक' लगाने वाली और ‘बॉब कट हेयरस्टाइल' रखने वाली महिलाओं को फायदा पहुंचाएगा।

सिद्दीकी की टिप्पणी शर्मनाक औऱ निंदनीय: रविशंकर
राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की, जिसका आयोजन पार्टी के अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने किया था। राजद के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव सिद्दीकी की एक वीडियो ‘क्लिप' सामने आई है, जिसमें उन्हें समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षण के अंदर आरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए सुना जा सकता है। उनके इस बयान पर भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं ने विरोध जताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘‘देश की महिलाओं, बहन-बेटियों के खिलाफ'' सिद्दीकी की टिप्पणी शर्मनाक, निंदनीय और स्तब्ध कर देने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद केवल लालू प्रसाद और उनके परिवार को सत्ता में बने रहने में मदद करने के लिए है, यही कारण है कि उसने बिहार में या केंद्र में महिला सशक्तीकरण के लिए उस वक्त ‘कुछ नहीं किया', जब वह केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार का गठबंधन साझेदार थी।

जदयू नेता खालिद अनवर ने कही ये बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि वह ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग की) महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग में सिद्दीकी के साथ समान राय रखती है, लेकिन ‘लिपस्टिक' और ‘हेयर स्टाइल' के बारे में किए गए उल्लेख का समर्थन नहीं करती है। जद (यू) के विधानपरिषद सदस्य खालिद अनवर ने कहा, ‘‘हम वह संदर्भ नहीं जानते, जिसमें सिद्दीकी साहिब जैसे वरिष्ठ नेता ने यह टिप्पणी की, लेकिन हम महिलाओं की स्वतंत्रता के खिलाफ किसी भी बयान की सराहना नहीं कर सकते।'' इस बीच, राज्य के पूर्व मंत्री सिद्दीकी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन महिलाओं का अपमान करना मेरा इरादा कभी नहीं था, जिन्हें एक विशेष फैशन पसंद है। मैं अनुरोध करता हूं कि मेरी टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर नहीं देखा जाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘जिस कार्यक्रम में मैंने बोला था, उसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं शामिल हुई थीं, जिनमें से अधिकांश अशिक्षित थीं। मैं उन्हें उस मुहावरे में समझा रहा था जिसे वे समझ सकती थीं।''

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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