RO.NO.12879/162
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

लंदन से होगी ‘घरवापसी’, जिस ‘वाघनख’ से छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान को मारा

 मुंबई

छत्रवति शिवाजी महारा का वाघनख 350 साल के बाद लंदन से भारत वापास आने वाला है। कहा जाता है कि यह वही वाघनख है जिससे शिवाजी ने बीजापुर में मुगलों के एक विश्वस्त योद्धा अफजल खान को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि लंदन के म्यूजियम का कहना है कि इस बात का प्रमाण नहीं है कि यह वही वाघनख है। जानकारी के मुताबिक ईस्ट इंडिया के अधिकारी 1820 में कम से कम चार वाघनख भारत से ले गए थे जिसमें यह भी शामिल था।

महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री  मंगलवार को लंदन पहुंचेंगे और वाघनख को भारत को वापस देने के लिए एक समझौते पर साइन करेंगे। बता दें कि इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज के राजतिलक को 350 साल पूरे हो रहे हैं जिसका जश्न पूरे देश में मनाया जाएगा। इस मौके पर ही इस वाघनख को भी लोगों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, हम वाघ नख को वापस ला रहे हैं। इसके लिए हम एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। हमारी कोशिश है कि इस वाघनख को भारत उसी दिन लाया जाए जिस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मारा था। हो सकता  है कि इस वाघनख को मुंबई के छत्रपति शिवाजी माहाराज म्यूजियम में रखा जाए। बता दें कि अफजल खान की हत्या शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य के गठन में बड़ा टर्निंग पॉइंट था। कम संख्या के बावजूद मराठाओं ने अफजल खान की आदिलशाही फौज को हरा दिया था। इससे छत्रपति शिवाजी महाराज में मराठाओं को विश्वास भी बढ़ गया था।

सतारा जिले के प्रतापगढ़ किले में शिवाजी ने अफजल खान को मारा था। अफझल खान ने शिवाजी महाराज को मिलने के लिए बुलाया लेकिन वह धोखे से उन्हें मार देना चाहता था। शिवाजी भी इसके लिए तैयार थे। गले लगाते वक्त अफजल खान हमला करता उससे पहले उन्होंने अफजल को वाघनख से मार दिया। अब लंदन के विक्योरिया और अल्बर्ट म्यूयिम का कहना है कि 1818 में पेशवा शासन खत्म होने के बाद एक पेशवा ने ही जेम्स ग्रांट डफ को वाघनख दिया था।  अंग्रेज अफसर ने उन वाघनखों को कई साल तक अपने पास रखा। इसके बाद ग्रंट डफ के पोते ने इसे संग्रहालय को दिया।
 

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button