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बैंक मैनेजर ने किया बड़ा खेल, ग्राहकों के गहनों को नकली गहनों से बदला

वेरावल
गुजरात के वेरावल शहर में फर्जीवाड़े का एक अनोखा केस सामने आया है, जिसमें एक निजी बैंक के सेल्स मैनेजर ने ग्राहकों के 2 करोड़ रुपए के सोने को नकली गहनों में बदल दिया. पुलिस ने इस मामले में मैनेजर को बैंक के दो कर्मचारियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. अरेस्ट होने वाले कर्मचारियों में एक महिला भी शामिल है.

पुलिस ने बताया कि कार्रवाई निजी बैंक की शाखा में सेल्स मैनेजर राम सोलंकी शिकायत के आधार पर की गई. पुलिस का अनुमान है कि धोखाधड़ी की रकम बढ़कर 9 करोड़ रुपये तक जा सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अब तक बैंक अधिकारियों ने गहनों के 10 पैकेटों की जांच नहीं की है. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए बैंक कर्मचारी की पहचान शाखा के स्वर्ण ऋण विभाग के बिक्री प्रबंधक मानसिंह गढ़िया और उनके अधीनस्थ कर्मचारी विपुल राठौड़ और पिंकी खेमचंदानी के रूप में हुई है. गिर सोमनाथ जिले के पुलिस अधीक्षक मनोहरसिंह जडेजा ने बताया कि उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश समेत कई आरोपों में मामला दर्ज है.

एसपी मनोहर सिंह जडेजा ने आगे बताया कि उन्हें बैंक के अधिकारियों से इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली थी. उन्होंने बताया था कि वेरावल शाखा के गोल्ड डिपार्टमेंट में एक संदिग्ध धोखाधड़ी का पता चला है. प्रारंभिक जांच के बाद शाखा प्रबंधक ने बैंक के 3 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि यह पूरा फर्जीवाड़ा तीनों पिछले दो साल से कर रहे थे. एफआईआर के मुताबिक धोखाधड़ी का पता बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी को तब चला, जब एक हफ्ते पहले वह अचानक ब्रांच के दौरे पर थे.

निरीक्षण में अधिकारी को पता चला कि ग्राहकों ने सोने के गहनों के जो पैकेट जमा किए थे, उनका वजन कम था. इस दौरान सेल्स मैनेजर ने कहा कि सोना असली है. इसकी जांच करने के बाद ही उसे पैकेट में भरकर तिजोरी में रखा गया था. ज्यादा जांच करने पर अधिकारी को पता चला कि पैकेट के लेबल के साथ छेड़छाड़ की गई थी. इसके बाद सभी पैकेट्स की एक-एक करके जांच की गई तो पाया गया कि 6 पैकेट में नकली गहने रखे गए थे. इसका मतलब साफ था कि दो करोड़ के असली सोने के गहनों को बदलकर उसमें नकली गहने रख दिए गए.

अब ऐसे 426 पैकेट हैं, जिनकी दोबारा जांच की जाएगी. इसमें एक और सप्ताह का समय लग सकता है. पुलिस के मुताबिक, एफआईआर में कहा गया है कि प्रारंभिक जांच के दौरान 10 पैकेट संदिग्ध पाए गए. शुद्धता ऑडिट के बाद जब भी कीमती सामान वाले पैकेट बैंक की शाखा में आते थे, तो तीनों उनकी सील खोल देते थे और असली सोने को नकली सोने से बदल देते थे. एसपी ने कहा कि आरोपी उस असली सोने का इस्तेमाल करके ऋण लेने के लिए एक डमी ग्राहक को बैंक भेजते थे, जिसे उन्होंने पहले चुराया होता था. पुलिस को संदेह है कि उन्होंने इस तरह करीब 400 फर्जी ग्राहकों को ऋण वितरित किया. धोखाधड़ी की रकम 8 करोड़ से 9 करोड़ रुपये तक हो सकती है.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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