RO.No. 13047/ 78
जिलेवार ख़बरें

भू-एप्प भाजपा के अपने भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति : बैज

रायपुर

भाजपा के भू-एप्प का जवाब देते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के खून में भ्रष्टाचार है। 15 सालों तक प्रदेश को लूटने वाले भाजपाइयों को सोते जागते भ्रष्टाचार ही दिखता है। बड़ा हास्यास्पद लगता है कि जिस भाजपा के राज्य में रमन सिंह के पुत्र भ्रष्टाचार का पैसा रखने के लिये विदेश में वर्जिन आइलैंड में खाता खोलवाता था, पनामा पेपर में नाम आता था। जिस भाजपा के राज में मंत्री डॉलर में घूस मांगते थे वह भाजपा किस नैतिकता से एक ईमानदार सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है। कांग्रेस सरकार की शत-प्रतिशत योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में जाती है यहां भ्रष्टाचार की बातें भाजपा का दिमाकी फितूर है।

शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के 1 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार पर भाजपा की बोलती क्यों बंद है? 36000 करोड़ का नान घोटाला, 4400 करोड़ के शराब घोटाला, 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाले पनामा पेपर वाले अभिषेक सिंह, 1677 करोड़ का गौशाला घोटाले पर, इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित बृजमोहन अग्रवाल को भी घूस देने की स्वीकारोक्ति प्रमुख आरोपी ने अपने नार्को टेस्ट में किया है। भाजपा के 15 सालों में 34 घोटाले हुये थे जो प्रदेश की जनता के जुबान पर है इनकी जांच कराने की बात आती है तो भाजपाईयों की बोलती बंद हो जाती है। 36000 करोड़ का नान घोटाले की जांच में तो भाजपा नेता कोर्ट से स्टे लेकर आये है। डीकेएस घोटाला, प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, घटिया मोबाइल खरीदी घोटाला, मच्छरदानी घोटाला, गुणवत्ताहीन एक्सप्रेस-वे, अनुपयोगी स्काईवॉक घोटाला का कलंक भाजपा पर है।
उन्होंने कहा कि 1.76 करोड़ के कोयला घोटाले पर भाजपा का झूठ बेनकाब हो चुका है। जिन कोल ब्लाकों पर भाजपा ने सवाल खड़ा किया था मोदी शासन काल में उन्हीं कोल ब्लाकों की नीलामी में मनमोहन सरकार की अपेक्षा 25000 करोड़ का नुकसान हुआ था। भाजपा के कूटरचित प्रोपोगंडा 2जी, 3जी घोटाले को अदालत में काल्पनिक बता चुकी है। रमन राज में हुये भटगांव एक्सटेंशन घोटाला, नवभारत कोल घोटाला प्रदेश की जनता भूली नहीं है। भाजपा ने मनमोहन सिंह के समय जिस कोल नीति पर सवाल खड़ा किया था मोदी सरकार ने उसी कोयला नीति को लागू किया है। देशभर की अधिकांश कोयला खदाने अप्रत्यक्ष तौर पर मोदी सरकार ने अडानी समूह को सौंप दिया है।  

शुक्ला ने कहा कि भ्रष्टाचार भाजपा के लिए केवल सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का राजनीतिक हथियार है। विगत 9 वर्ष के मोदी राज में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से ईडी, आईटी, सीबीआई ने जितने आरोपियों को जेल भेजा उससे कई गुना ज्यादा आरोपियों को भाजपा में भेजकर उनके खिलाफ संस्थित जांच भी रोक दिया गया। महाराष्ट्र में नारायण राणे, एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों पर ईडी आईटी की कार्यवाही लंबित थी, लेकिन भाजपा के साथ आते ही जांचें स्थगित। हाल ही में अजित पवार, छगन भुजबल सहित आठ विधायकों पर ईडी की कार्यवाही लंबित थी अब वे सभी महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के सहयोगी हैं। असम में हेमंत बिसवा सरमा, पश्चिम बंगाल में मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी, कर्नाटक में येदुरप्पा के भ्रष्टाचार, खनन माफिया रेड्डी बंधुओं का काला धन भाजपा के संरक्षण में सफेद हो गया। रमेश पोखरियाल निशंख के भूमि एवं जल विद्युत परियोजना में किया गया भ्रष्टाचार भी सर्वविदित है। 2008 से 2022 के बीच गुजरात में 600 करोड़ का कोयला घोटाला हुआ 60 लाख टन कोयला गायब होने के आरोप लगे लेकिन आज तक जांच नहीं। उत्तर प्रदेश में 22 सौ करोड़ का प्रोविडेंट फंड घोटाला हुआ लेकिन मोदी जी उस पर भी मौन रहे। बरेली का चिटफंड घोटाला भी भाजपा के षड्यंत्र से हुआ। दरअसल भाजपा और मोदी सरकार को भ्रष्टाचार से परहेज नहीं केवल राजनीतिक पाखंड है मोदी सरकार का षड्यंत्र विपक्ष की राज्य सरकारों को अस्थिर करने दूसरे दल के नेताओं को डराने धमकाने के लिए केवल भ्रष्टाचार के तथ्यहीन आरोप लगा कर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर भाजपा राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने का है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button