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व्यापार जगत

नीतिगत दर यथावत रखने का निर्णय आवास लक्ष्यों को पूरा करने में मददगार: रियल एस्टेट

नई दिल्ली 
जमीन-जायदाद के विकास से जुड़े संगठनों और कंपनियों ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के निर्णय से बाजार में नकदी सुनिश्चित होगी और यह आवास लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उनका यह भी कहना है कि त्योहारों को देखते हुए ब्याज दर में स्थिरता से उन कंपनियों को राहत मिलेगी जो जटिल आर्थिक परिदृश्य से जूझ रहे हैं।

रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रमुख निकाय नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन बांदेलकर ने कहा, “हम रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के फैसले का स्वागत करते हैं। इस कदम से सभी को फायदा होगा और बाजार में नकदी सुनिश्चित होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही यह आवास लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। त्योहारों को देखते हुए ब्याज दरों में स्थिरता से उन कंपनियों को भी राहत मिलेगी जो जटिल आर्थिक परिदृश्य से जूझ रहे हैं।''

गौड़ ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एवं निजी रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष संगठन क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘ भले ही रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्‍मीद थी क‍ि रेपो रेट में कटौती होगी लेकिन आरबीआई का नीतिगत दर को बरकरार रखना एक प्रशंसनीय कदम है। त्योहार पास हैं और उपभोक्ता घर खरीदने की ओर देख रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, मौजूदा रेपो दर अब भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के अपने इरादे में सफल होगा और हम रेपो रेट में कटौती देख सकते हैं।''

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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