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चुनाव आयोग की तैयारी मुकम्मल, …बस आचार संहिता घोषणा किसी भी क्षण

भोपाल

मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को कतार रहित मतदान (क्यूलेस वोटिंग)की सुविधा देने जा रहा है। इसके लिए एक एप भी तैयार किया जा रहा है। मतदान शुरु होंने के दो घंटे बाद और मतदान का समय समाप्त होंने से दो घंटे पहले मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आमतौर पर विधानसभा चुनावों के दौरान सुबह सात बजे से मतदान प्रारंभ होता है। एक घंटे पहले मॉकपोल कर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की जांच की जाती है। अस्सी वर्ष से अधिक और दिव्यांग मतदाताओं को चुनाव आयोग ने घर से वोटिंग करने की सुविधा दी है। अब सामान्य मतदाताओं के लिए क्यूलेस वोटिंग की सुविधा देने की तैयारी है। सुबह मतदान प्रारंभ होंने के दो घंटे और शाम को मतदान समाप्त होंने के दो घंटे पहले इस सुविधा का लाभ नहीं मिल सकेगा।

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा तैयार किया जा रहा क्यूलेस वोटिंग एप मतदाताओं को अपने एंड्राइड पर डाउनलोड करना होगा। जिस तरह आमजन सिनेप्लेक्स में फिल्म देखने के लिए आॅनलाईन टिकिट पहले से बुक करा लेते है। उसी तरह इस क्यूलेस वोटिंग एप के जरिए मतदाता मतदान वाले दिन से सात से दस दिन पहले क्यूलेस वोटिंग के लिए अपना स्लाट बुक करा सकेंगे।

वोटर्स कर सकेंगे अपने लिए स्लॉट का चयन
आमतौर पर मतदाताओं की संख्या के अनुसार मतदान केन्द्र पर बीस से तीस प्रतिशत मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मतदाता आधा-आधा घंटे के स्लाट में से अपने लिए समय का चयन कर सकेंगे। इस निर्धारित समय पर वे मतदान केन्द्र पर पहुंचकर बिना कतार में लगे अपने समय के अनुसार मतदान कर सकेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग की पूरी तैयारी हो चुकी है। इसे शहरी क्षेत्रों के सभी मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके लिए चुनाव आयोग अलग से अमला तैनात करेगा जो मतदाताओं के मोबाइल पर बुक किए गए स्लाट या उसके प्रिंटआउट को देखकर उन्हें क्यूलेस मतदान की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। शहरों में यह प्रयोग सफल रहा तो इसे ग्रामीण अंचलों में भी अगले चुनावों में लागू किया जा सकता है।

प्रदेश के मतदाताओं में थर्ड जेंडर भी बढ़े
मतदाता सूची में थर्ड जेंडर को अलग से दर्ज किया गया है। 2023 में इनकी संख्या 1373 है। वर्ष 2013 में मात्र 6 प्रतिशत थर्ड जेंडर ने मतदान किया था, जो 2018 में 25 प्रतिशत तक पहुंच गया। उम्मीद है इस वर्ष के चुनाव में यह प्रतिशत पहले से बढ़ेगा ही। इस चुनाव में युवा मतदता जो 18-19 वर्ष की संख्या 22 लाख 36 हजार 564 है जो निर्णायक भूमिका निभाएंगे। 20 से 39 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 86 लाख 80 हजार 288 है। जाहिर ये मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहेंगे।

मप्र चुनाव की रोचक जानकारी
वर्ष 1994 में थर्ड जेंडर यानी किन्नरों को मतदान का अधिकार मिला था।
वर्ष 1998 के बाद सम्पन विधानसभा चुनावों में सर्वाधिक मतदान 2018 में 74.84 प्रतिशत रहा था।
1952 से 2018 तक हुए अभी तक के विधानसभा चुनावों में महिलाओं द्वारा सर्वाधिक मतदान वर्ष 2018 में 74.01 प्रतिशत किया जो एक रिकॉर्ड है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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