राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सड़कों पर उड़ती धूल से AQI बिगड़ा, 250 से 300 तक पहुंच रहा स्तर

भोपाल

बारिश के बाद एक बार फिर शहर की सड़कों पर उड़ती धूल से लोग परेशान हैं। मेट्रो, फ्लाईओवर, नए निर्माण के चलते हवा का एक्यूआई बिगड़ा हुआ है। कई बार तो ये 250 से 300 तक पहुंच जाता है। वायु प्रदूषण में बढ़ने में पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की लापरवाही भी है।

इन दोनों विभागों ने शहर की सड़कों की मरम्मत करने के नाम पर जगह-जगह पर गड्ढों में जीरा गिट्टी और उसकी ध्ूाल भर दी है जो अब लोगों के लिये सिरदर्द बनी हुई है। इसके अलावा 15 साल से ऊपर के वाहन, खटारा बसें बची हुई कसर पूरी कर देती हैं। रात को वाहन थमते हैं तो शहर में कुछ स्थानों, पुराने शहर के कबाड़खाना क्षेत्र, अशोका गार्डन, अन्ना नगर में कबाड़ी देर रात टायरों को जलाकर हवा दूषित कर देते हैं।  तीन साल में एयर क्वालिटी इंडेक्स  (एक्यूआई) को 40 पर लाना बेहद जरूरी हो गया है।

धुआं छोड़ती गाड़ियों से प्रदूषण
सड़कों के गड्ढे भर दिए जाएं और लेफ्ट टर्न फ्री हो जाएं तो प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो सकता है। पुराने वाहनों पर शिकंजा कस कर, नए वाहनों पर लगातार पीयूसी सेंटरों पर जांच कराई जाए। यदि शहर की हवा के प्रदूषण के कारण को देखा जाए तो 67 प्रतिशत प्रदूषण धूल के कारण है। सड़कों पर धुआं छोड़ती गाड़ियों के कारण 12 प्रतिशत प्रदूषण हो रहा है। 

चोरी छिपे जलाए जाने वाले कचरे के ढेर, टायरों पर अंकुश लगाकर हवा को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। विकास के नाम पर पेड़ काटने और घटते ग्रीन कवर को बढ़ाना जरूरी है। इसके अलावा  निर्माण कार्यो के चलते, करोंद, कोलार, अरेरा कॉलोनी, नर्मदापुरम रोड, बावड़ियाकलां, एमपी नगर का एक्यूआई बढ़ा हुआ रहता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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