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वायु प्रदूषण कंट्रोल करने क्या कदम उठाए : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली.
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने Commission for Air Quality Management (CAQM) से पूछा है कि दिल्ली के आसपास हवा की गुणवत्ता को ठीक करने और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत ने न्याय मित्र द्वारा ठंड के मौसम में दिल्ली-एनसीआर के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ने और आसपास के इलाके में पराली जलाने के मुद्दे को अदालत के सामने रखा था। जिसपर अदालत ने गौर करते हुए यह अहम सवाल उठाए हैं।

जस्टिस संजय किशन कौल औऱ सुधांशु धुविया ने वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह की तरफ की गई अपील पर संज्ञान लिया। अपराजिता सिंह प्रदूषण के मामले में न्याय मित्र के तौर पर शीर्ष अदालत में असिस्ट कर रही हैं। अपराजिता सिंह ने ठंड के दिनों में दिल्ली में होने वाले प्रदूषण का सवाल उठाया था। अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया कि न्याय मित्र ने एक गंभीर मसला उठाया है। ठंड करीब है पराली जलाने की वजह से वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। अदालत ने कहा कि हम CAQM से कहेंगे कि वो शीघ्र ही इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करे कि राष्ट्रीय राजधानी के आसपास वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 31 अक्टूबर को होगी। दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा रहा है। ठंड के दिनों में दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब से घातक श्रेणी तक पहुंच जाती है। हालांकि, दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाए रखने के लिए समय-समय पर सरकार कई तरह के कदम उठाती है। इनमें GRAP के नियमों को लागू करना तथा आतिशबाजियों तथा पराली जलाने पर रोक लगाना शामिल है।

हाल ही में यह बात सामने आई थी कि पिछले दो दिनों के दौरान दिल्ली की हवा खराब श्रेणी से मध्यम श्रेणी के स्तर तक पहुंची थी। इसे लेकर कहा जा रहा था कि ऐसा GRAP के कड़े नियमों की वजह से हो सका है। GRAP के नियमों के तहत वायु प्रदूषण पर रोकथाम लगाने के लिए गाड़ियों से निकलने वाले धुओं पर लगाम लगाना, निर्माण कार्यों पर रोक लगाकर धूल को हवा में घुलने से रोकना समेत कई अहम उपाय किये जाते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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