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ठाणे में ठगों कंपनी का सॉफ्टवेयर हैक कर 16180 करोड़ किये ट्रांसफर

मुंबई

एक पेमेंट गेटवे कंपनी को हैक कर फर्जी कागजात के जरिए विभिन्न बैंकों में खोले गए 260 बैंक अकाउंट्स में 16180 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन होने की बात सामने आई है। ठाणे सायबर सेल पुलिस इस मामले में संजय सिंह, अमोल आंधले, केदार उर्फ समीर दिघे, जितेंद्र पांडे, नवीन सहित कुछ अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। इन पर आईपीसी की धाराओं 420, 409, 467, 468, 120 (बी), 134 सहित आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 (सी) और 66 (डी) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। दिघे और पांडे दोनों विभिन्न प्राइवेट बैंकों में रिलेशनशिप ऑफिसर और लोन अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं।

 ठाणे पुलिस को आशंका है कि इतने बड़े पैमाने पर हुए लेनदेन में सरकारी इनकम टैक्स और जीएसटी विभाग को नुकसान हो सकता है। यानी यह बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी का मामला भी हो सकता है। साथ ही जांच में पता चला कि इस मामले में रुपये विदेश भी भेजे गए हैं। ठाणे पुलिस ने उक्त कारोबार को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों को सूचित किया है।

अडिशनल कमिश्नर पंजाबराव उगले ने पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विगत जून माह में ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करने वाली कंपनी 'पेगेट इंडिया' के सॉफ्टवेयर सिस्टम को हैक कर कंपनी के अकाउंट से 25 करोड़ रुपये विभिन्न अकाउंट में ट्रांसफर करने का मामला सामने आया था।

श्रीनगर पुलिस में दर्ज हुआ था केस
वागले इस्टेट स्थित कंपनी की लीगल अडवाइजर मनाली साठे ने श्रीनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। जांच के दौरान 25 करोड़ में से 1 करोड़, 39 लाख, 19 हजार रुपये रियाल एंटरप्राइजेस के एचडीएफसी बैंक खाते में जाने की बात सामने आई थी। मामले की जांच साइबर सेल कर रही थी। उस दौरान पुलिस ने शेख इमरान और रवि गुलानी को गिरफ्तार किया था।

जिनके खातों से हुआ करोड़ों का लेनदेन, उन्हें खबर भी नहीं
पुलिस ने रियाल एंटरप्राइजेस के वाशी और बेलापुर स्थित ऑफिस में छापा मारा और कागजात जब्त किए। कागजात की छानबीन में विभिन्न फर्जी नामों से पार्टनरशिप कंपनियों के खोले जाने का खुलासा हुआ। पुलिस को पता चला कि विभिन्न केवाईसी के जरिए रत्नाकर बैंक, आईडीएफसी, यस बैंक, कोटक, फर्स्ट इत्यादि बैंकों में 260 अकाउंट खोले गए थे। जिनके नामों से अकाउंट खोले गए और जिनमें रुपयों का लेनदेन हुआ, उन खाताधारकों को पता भी नहीं था कि उनके अकाउंट में करोड़ों का लेनदेन हुआ है।

उगले के अनुसार, सस्ते लोन दिलाने का लालच देकर आर्थिक रूप से कमजोर तमाम लोगों से उनके पैन, आधार कार्ड सहित अन्य कागजपत्र आरोपियों ने लिए थे और फिर उनका दुरुपयोग बैंक अकाउंट खोलने के लिए किया था। प्रत्येक अकाउंट में 30 से 40 करोड़ का लेनदेन होने की बात पुलिस ने कही है। पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरबीएल (रत्नाकर) बैंक में करीब 350 करोड़ का ट्रांजेक्शन 14 अकाउंट के माध्यम से किया गया है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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