राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

क्या है ‘अक्टूबर हीट’ जिसका दिख रहा असर, सितंबर से ज्यादा अब क्यों पड़ रही गर्मी

नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में अक्टूबर के शुरुआती दिनों में तापमान थोड़ा गिरा था और ऐसा लग रहा था कि सर्दियों की दस्तक होने वाली है। लेकिन जल्दी ही मौसम बदला और अब अच्छी खासी उमस है। तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तक जा रहा है, जिसके चलते काफी गर्मी महसूस हो रही है। यह सामान्य से अधिक तापमान है। इसकी वजह यह है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह से ही उत्तर भारत के बड़े हिस्से में बारिश नहीं हुई है। आसमान साफ रह रहा है और उमस का स्तर बढ़ गया है। इसका असर गर्मी के तौर पर दिख रहा है।

सोमवार को दिल्ली में तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस था और मंगलवार को भी इसके करीब ही रहा। यही नहीं पीतमपुरा इलाके में तो 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यही नहीं इससे पहले शनिवार और रविवार को भी दिल्ली समेत ज्यादातर इलाकों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार तक चला गया। मौसम विभाग के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह अक्टूबर हीट है। दरअसल अक्टूबर हीट इस महीने में पड़ने वाली गर्मी को लेकर दिया गया एक नाम है। हर साल ही अक्टूबर में थोड़ी गर्मी रहती है, लेकिन इस बार मॉनसून की थोड़ा पहले ही विदाई होने के चलते अक्टूबर में तापमान ज्यादा बढ़ा हुआ है।

बदलेगा मौसम का मिजाज, यूपी समेत इन राज्यों में होगी बारिश
अक्टूबर महीने में पड़ने वाली गर्मी को भारतीय उपमहाद्वीप में 'अक्टूबर हीट' कहा जाता है। अक्टूबर और नवंबर महीने में अकसर तब गर्मी देखने को मिलती है, जब मॉनसून की विदाई थोड़ा पहले हो गई हो और मौसम साफ रह रहा हो। दक्षिण-पश्चिम से आने वाली हवाओं के कमजोर होने से भी यह असर दिखता है। खासतौर पर उत्तर भारत से इस सीजन तक मॉनसून पूरी तरह विदा हो जाता है। इसके लिए 30 सितंबर आखिरी तारीख होती है। उसके बाद अक्टूबर और नवंबर का महीना संक्रमण काल होता है, जब मौसम बरसात से शिफ्ट होकर सूखी गर्मियों की ओर बढ़ता है।

ऐसे में अक्टूबर महीने की शुरुआत में गर्मी रहती है और इस बार मॉनसून की पहले ही विदाई होने के चलते यह थोड़ी ज्यादा है। अक्टूबर और नवंबर के दौरान स्वास्थ्य के लिहाज से भी सावधानी बरतने की जरूरत रहती है। इसकी वजह यह है कि अकसर दिन के वक्त तीखी धूप होती है और गर्मी बढ़ जाती है, जबकि रातों को अचानक तापमान गिरता है। ऐसे में सावधानी न रखने पर बीमार होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button