RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

आजम खान के बेटे को SC से नहीं मिली अंतरिम राहत

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला खान आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी उत्तर प्रदेश की ट्रायल कोर्ट को आदेश दी जाए कि जब तक उनके नाबालिग होने के दावे की पुष्टि न हो जाए तब तक उनके खिलाफ कोई फैसला न सुनाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को मुरादाबाद के जिला न्यायाधीश को आदेश दिया था कि वह किशोर न्याय अधिनियम के तहत मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां के नाबालिग होने के पहलू पर फैसला करें फैसले को आगे के विचार के लिए उसके पास भेजें।
कभी-कभी कानून न्याय के रास्ते में खड़ा होता है: कपिल सिब्बल

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ से कहा कि जब तक नाबालिग होने के दावे पर रिपोर्ट पेश नहीं हो जाती, तब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट को लंबित आपराधिक मामले में आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा जाए। कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट अंतिम आदेश पारित नहीं करता है तो आसमान नहीं गिरने वाला है… कभी-कभी कानून न्याय के रास्ते में खड़ा होता है। यह उस तरह का मामला है।

आखिर क्या है मामला?
दरअसल, साल 2008 में अब्दुल्ला आजम खान और उनके पिता आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। दंड संहिता (आईपीसी)। आरोप था कि 29 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के छजलैट में पुलिस चेकिंग के दौरान जब पुलिस ने अब्दुला आजम की कार को चेकिंग के लिए रोका तो अब्दुल्ला आजम वहीं धरने पर बैठ गए थे।

विधायक के रूप में अयोग्य घोषित हुए अब्दुल्ला आजम
फरवरी में अब्दुल्ला आजम खान को इस मामले में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।  1 मई को शीर्ष अदालत ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें 15 साल पुराने आपराधिक मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी।

स्वार सीट पर ने शफीक अहमद अंसारी ने हासिल की जीत
शीर्ष अदालत ने तब स्पष्ट किया था कि अब्दुल्ला आजम खान की अयोग्यता के बाद खाली हुई स्वार विधानसभा सीट (Suar Assembly Seat) पर 10 मई को होने वाला चुनाव उनकी याचिका के नतीजे के अधीन होगा।  स्वार सीट पर अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने जीत हासिल की थी। अब्दुल्ला आजम खान ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह किशोर थे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button