RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रदेश में 2018 में मालवा-निमाड़ में निर्दलीयों ने सबसे अधिक वोट बटोरे

भोपाल

मध्य प्रदेश चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। पार्टियों के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार इस बार भी मैदान पकड़ेंगे। आंकड़ों की बात करें तो 2018 में 5000 या उससे अधिक वोट हासिल करने वाले निर्दलीय या स्वतंत्र उम्मीदवार मालवा-निमाड़ में ही सबसे अधिक थे।

चुनावों में अपना भाग्य आजमाना और मैदान में चुनाव लड़ना नागरिक का मौलिक अधिकार है। हर चुनाव में राष्ट्रीय या मान्यता प्राप्त दल के अलावा बागी या निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में भाग्य आजमाने के लिए तैयार रहते हैं। प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 1094 थी। इनमें से चार चुनाव जीते। वहीं, 1074 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। राज्य में डाले कुल मतों का 6.30 प्रतिशत मत यानी 22 लाख 17 हजार 998 मत इन्हें प्राप्त हुए थे।

मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद 2003 में विधानसभा चुनाव हुए थे। 2003 से 2018 तक मैदान में चुनाव लड़े निर्दलियों की संख्या देखें तो वह 4461 रही। वर्ष 1957 से 2018 तक (छत्तीसगढ़ शामिल) निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 15 हजार 439 रही है। जिसे लगता कि मुझे चुनाव में भाग्य आजमाना है, वह चुनाव लड़ लेता। उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है।

2018 में चार निर्दलीय विजयी रहे थे। चार उम्मीदवार दूसरे क्रम पर भी थे। सर्वाधिक निर्दलीय तीसरे क्रम पर रहे जिनकी संख्या 35 थी। निर्दलीय उम्मीदवारों के पूरे परिदृश्य को देखकर पता चलता है कि प्रदेश में मालवा-निमाड़ में बागी या निर्दलीय मैदान में अव्वल रहे हैं। विजयी होने वालों में मालवा-निमाड़ से तीन, दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवारों में भी मालवा-निमाड़ से तीन थे। तीसरे क्रम पर सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों में मालवा-निमाड़ से 17 थे। जाहिर है कि मालवा-निमाड़ में असंतोष या निर्दलियों का दबदबा मतों पर सर्वाधिक रहा।

 

आठ के उपनाम गुड्डू थे

2018 के चुनाव में निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों में प्रदीप अमृत जायसवाल गुड्डू, विक्रम सिंह राणा गुड्डू भैया, ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया उपनाम वाले थे। अन्य उम्मीदवारों में जबेरा से राघवेंद्र सिंह ऋषि भैया, बालाघाट से अनुराग मोहता मोंटू भैया, बैरसिया से ब्रम्हानंद रत्नाकर ब्रम्हा भैया, महिदपुर से दिनेश जैन बोस आदि रहे जिनके उप नाम ही प्रभावशाली थे। प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में सभी दलों के आठ उम्मीदवारों के उप-नाम में गुड्डू था।

निर्दलीयों की रोचक जानकारी

  • सर्वाधिक निर्दलीय उम्मीदवार वर्ष 1990 में खड़े हुए थे, जिनकी संख्या 2730 थी। 2018 में निर्दलियों की संख्या 1094 थीं।
  • 2018 में पांच हजार से अधिक मत प्राप्त करने निर्दलियों की संख्या 49 थी।
  • 2018 में पांच हजार से अधिक मत प्राप्त करने वाले निर्दलियों में मालवा-निमाड़ से सर्वाधिक 21 रहे थे।
Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button