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टिकट कटने से नाराज चोपड़ा हो सकते हैं निर्दलीय प्रत्याशी

महासमुंद

भाजपा के कद्दावर नेता डा. विमल चोपड़ा को पार्टी  द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर उनकी नाराजगी उभरकर सामने आ गई है। पार्टी के प्रति वफादारी और अपने साफगोई व्यावहार से जनता के बीच में छवि बनाने वाले डा. विमल चोपड़ा ने टिकट काटे जाने पर पार्टी के नेताओं को जहां आड़े हाथों लिया वहीं उन्होंनें अपने समर्थकों के समक्ष एक-दो दिनों में स्थिति स्पष्ट करने का ऐलान कर दिया।

डा. विमल चोपड़ा महासमुंद की राजनीति में पिछले अनेक वर्षों से जबर्दस्त दखल बनाए हुए है। इससे पहले भी उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। महासमुंद से इस बार भाजपा ने डा. विमल चोपड़ा के स्थान पर योगेश्वर राजू सिन्हा पर दांव लगाया है और उसे प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद डा. विमल चोपड़ा पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे थे। आखिरकार उनकी नाराजगी अपने समर्थकों के साथ छलक आई। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका कोई पिताम्ह नहीं है और न ही वे किसी की लल्लो-चप्पो करते है, नतीजा यह है कि उनकी टिकट कांट दी गई। टिकट कांटे जाने का कारण जातिगत समीकरण को बताया गया है। डा. चोपड़ा ने कहा कि विडंबना यह है कि पार्टी एक ओर जाति समीकरण की दुहाई दे रही है वहीं दूसरी ओर राजनांदगांव से डा. रमन सिंह और खैरागढ़ से वीरेंद्र सिंह को टिकट दी है, याने मामा और भांजा दोनों चुनाव लड़ेंगे। अब जाति और परिवार कसौटी पर है।

डा. चोपड़ा के समर्थकों ने उनकी टिकट कांटे जाने पर पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाया था लेकिन उसका नतीजा सिफर रहा। डा. चोपड़ा ने अपने समर्थकों को हौसला बनाए रखने और सब्रता से रहने की नसीहत देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वे इस मामले में निर्णय लेंगे। डा. चोपड़ा द्वारा दिए गए इस आश्वासन का तात्पर्य यह भी हो सकता है कि आने वाले दिनों कमल को छोड़कर डा. चोपड़ा निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में महासमुंद के चुनावी समर में उतर सकते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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