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व्यापार जगत

स्विगी ने दिया झटका, खाने के ऑर्डर के लिए शुल्क में की बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली
ऑनलाइन फूड डिलेवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने भी फूड ऑर्डर के लिए प्लेटफॉर्म शुल्क 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया है। स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया, प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। यह उद्योग में एक आम बात है। प्रवक्ता ने कहा, जिन शहरों में हम काम करते हैं उनमें से अधिकांश में प्लेटफ़ॉर्म शुल्क अभी 3 रुपये है।

फिलहाल, प्लेटफ़ॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलेवरी सेवा पर लागू होता है, इंस्टामार्ट ऑर्डर पर नहीं। अप्रैल में, कंपनी ने कार्ट वैल्यू की परवाह किए बिना, प्रति ऑर्डर 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पेश किया था। अगस्त में, स्विगी प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो ने भी अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क शुरुआती 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया।

ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजर्स से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी। इस बीच, स्विगी ने अपने पूंजी सहायता कार्यक्रम के तहत 8,000 से अधिक रेस्तरां मालिकों को 450 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण की सुविधा प्रदान की है। 2017 में लॉन्च किया गया, पूंजी सहायता कार्यक्रम एक नायाब तरीका है जिसे वित्तपोषण अंतर को पाटने और रेस्तरां मालिकों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब तक 8,000 से अधिक रेस्तरां ने लोन लिया है, जिनमें से 3,000 ने अकेले 2022 में ऋण लिया।

बदलने वाला है बियर का स्वाद, कीमत बढऩे के भी आसार

नई दिल्ली
 अगर आप भी बियर पीने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल शोधकर्ताओं का कहना है कि बियर का स्वाद बदल सकता है। यह बदलाव जलवायु परिवर्तन के असर के कारण आएगा और स्वाद का ज्यादा बदलाव हॉप्स से तैयार होने वाली बियर में आएगा। दरअसल बियर चार चीजों से बनती हैं- पानी, यीस्ट, माल्ट और हॉप। हॉप पौधे का फूल वाला हिस्सा होता है। बियर की बॉयलिंग प्रॉसेस से पहले इसे लिक्विड में मिलाया जाता है। यह बियर को कड़वापन देता है, फिर इसके फ्लेवर को और बदलता है। शोधकर्ता मार्टिन मॉज्ने कहते हैं, इस पौधे पर जलवायु परिवर्तन का जो असर हुआ है उससे साफ है कि इसके उत्पादन में और कमी आएगी. इसके दामों में बढ़ोतरी होगी। चेक एकेडमी ऑफ साइंसेज के ग्लोबल चेंज रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक, स्टडी के सह-लेखक मिरोस्लाव ट्रंका कहते हैं, बीयर पीने वालों को निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन दिखाई देगा, या तो कीमत या गुणवत्ता में, हमारे डेटा से यह लगता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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