सचिन पायलट को दामाद बनाने तैयार नहीं थी अब्दुल्ला फैमिली
जयपुर
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट और सारा अब्दुल्ला के रिश्ते को लेकर मंगलवार को ऐसी खबर सामने आई, जिसके बारे में शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. टोंक विधानसभा से नामांकन के दौरान सचिन पायलट के एफिडेलिट से उनके तलाक का खुलासा हुआ. पायलट ने अपने शपथ पत्र में पत्नी के नाम वाले कॉलम में तलाकशुदा लिखा है. बता दें कि सारा और सचिन के दो बच्चे हैं. फिलहाल दोनों बच्चे सचिन के पास ही हैं. इसका भी जिक्र उनके हलफनामे में किया गया है. यह पहला मौका था जब सार्वजनिक रूप से सचिन और सारा के अलग होने की खबर सामने आई.
हालांकि सचिन पायलट की लव स्टोरी काफी दिलचस्प है. सचिन और सारा के प्यार से लेकर शादी तक का किस्सा किसी फिल्म स्टोरी से कम नहीं है. दोनों को अपने परिवार को मनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. सचिन के पिता उस समय देश के गृह मंत्री थे तो सारा के पिता जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. बताते हैं कि सारा के पिता फारुक अब्दुल्ला ने सचिन तो दामाद के तौर पर तब स्वीकार किया था जब वो अपनी पहले चुनाव जीते थे.
लंदन में हुई थी मुलाकात
सचिन पायलट की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में हुई. ग्रेजुएशन के बाद वे अमेरिका चले गए. सचिन यहां एमबीए कर रहे थे. उस समय सारा भी लंदन में पढ़ाई कर रही थीं. पॉलिटिकल फैमिली होने के कारण हालांकि दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे, लेकिन पहली मुलाकात लंदन में एक पार्टी के दौरान हुई. फिर दोनों अच्छे दोस्त बन गए. फिर उनकी दोस्ती रिलेशनशिप में तब्दील हो गई. अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद सचिन वापस भारत आ गए, लेकिन सारा इंग्लैंड में ही थीं. फिर करीब 3 साल तक दोनों फोन कॉल्स और ईमेल के जरिए बाते करते रहे.
3 साल इंतजार करने के बाद दोनों ने शादी का फैसला किया, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी परिवार को मनाने की. सचिन ने अपने रिश्ते की बात घर पर बताई. काफी कोशिश के बाद उनका परिवार तो मान गया, लेकिन सारा अपने परिवार को मना नहीं पाईं. बताते हैं कि सारा के पिता फारूक अब्दुल्ला इस रिश्ते के खिलाफ थे.
5 साल किया था शादी के लिए इंतजार
5 साल के इंतजार के बाद सचिन पायलट और सारा अब्दुल्ला ने आखिरकार 15 जनवरी 2004 को शादी कर ली. दोनों ने दिल्ली में साधारण समारोह में शादी की. बताते हैं कि दोनों की शादी में पायलट परिवार और उनके करीबी दोस्त ही शामिल हुए थे. वहीं सारा के परिवार से इस शादी में उनके पिता फारूक अब्दुलाल और उनके भाई शामिल नहीं हुए थे. बताते हैं कि उस वक्त फारूक अब्दुल्ला लंदन में थे और उनके भाई उमर अब्दुल्ला बीमार थे. हालांकि शादी के कुछ वक्त बात सारा का परिवार भी इस रिश्ते के लिए राजी हो गया था. पिता की मौत के बाद 2004 में लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट दौसा से मैदान में उतरे और उन्होंने बड़ी जीत हासिल की. अब सचिन पायलट ने अपने एफिडेविट में तलाक का खुलासा किया है. दोनों का तलाक कहां और कब हुआ, इसके बारे फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
कहां हुई मुलाकात?
यूपी के सहारनपुर में जन्मे सचिन पायलट जब MBA की पढ़ाई करने के लिए लंदन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्निसल्वानिया के वार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस गए तो वहां उनकी मुलाकात जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से हुई। दोनों के बीच पढ़ाई के दौरान ही दोस्ती हुई और कुछ समय बाद ये दोस्ती प्यार में बदल गई।
सचिन और सारा के पिता एक-दूसरे से परिचित थे इसलिए दोनों की दोस्ती से पैरेंट्स को कोई परेशानी नहीं थी। सचिन पढ़ाई के बाद भारत लौट आए लेकिन सारा विदेश में ही रहीं। लेकिन दोनों एक दूसरे से ईमेल और फोन के जरिए टच में बने रहे।
शादी करने में आईं तमाम मुसीबतें, अब हुए अलग
सचिन और सारा ने जब शादी करने का फैसला लिया तो दोनों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दरअसल सचिन गुर्जर परिवार से ताल्लुक रखते हैं, वहीं सारा एक रुढ़िवादी मुस्लिम फैमिली से थीं। सचिन और सारा का परिवार इस रिश्ते के लिए राजी नहीं था।
सचिन और सारा की लव स्टोरी जब पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सामने आई तो सारा के पिता फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जम्मू कश्मीर में प्रदर्शन होने लगे और खुद फारुक की पार्टी के कई लोग उनके खिलाफ हो गए।
तमाम मतभेदों, परेशानियों और परिवार की रजामंदी मिलते ना देख सचिन और सारा ने जनवरी 2004 में शादी करने का फैसला लिया। ये शादी बिल्कुल सादे तरीके से की गई, जिसमें बहुत कम लोग शामिल हुए। हालांकि सारा का परिवार इस शादी से राजी नहीं हुआ था इसलिए उन लोगों ने इस शादी का बहिष्कार कर दिया।
कैसे दूर हुई सारा के परिवार की नाराजगी?
सचिन से शादी के वक्त सारा का परिवार बहुत नाराज था और इस शादी का अब्दुल्ला परिवार ने बहिष्कार भी कर दिया था। लेकिन वक्त के साथ जैसे-जैसे सचिन पायलट राजनीतिक बुलंदियों पर पहुंचते गए तो अब्दुल्ला परिवार की नाराजगी भी दूर हो गई। दरअसल शादी के कुछ ही महीनों के बाद सचिन पायलट ने राजनीति ज्वाइन की और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।