RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

झारखंड में झूलते हाई वोल्टेज तार ले रहे हाथियों की जान, चाकुलिया में दो दिन में दो की मौत

रांची
पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में पिछले कई सप्ताह से 35 से 40 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं, जो कम ऊंचाई पर झूलते हाई वोल्टेज तार की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं और उनकी जान भी जा रही है। वन विभाग के मुताबिक संभवत इन दोनों मादा हाथियों की मौत का कारण हाई वोल्टेज तार की चपेट में आकर जख्मी होना है। पहले भी करंट से हाथियों की मौत हो चुकी है।

करंट से अबतक पांच हाथियों की हो चुकी है मौत
इसके पूर्व 1997 में चाकुलिया के रूपुषकुंडी के पास दो हाथियों की मौत हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से हो गयी थी। चाकुलिया वन क्षेत्र के धालभूमगढ़ प्रखंड क्षेत्र में भी एक हाथी की मौत हाई वोल्टेज बिजली तार की चपेट में आकर हुई थी। 2020 में कोकपाड़ा स्टेशन के पास एक हाथी की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गयी थी।

बिजली विभाग पर हो सकती है कारवाई
वन विभाग ने आशंका जताई है कि हाई वोल्टेज बिजली के तार नीचे होने के कारण हाथी तार की चपेट में आ जा रहे हैं। ऐसे में हाथियों की मौत के लिए बिजली विभाग की लापरवाही मानी जा रही है। इसे लेकर वन विभाग बिजली विभग के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पहल करेगा।

12 से 15 फीट होनी चाहिए तार की ऊंचाई
जानकारी के मुताबिक कमारीगोड़ा तालाब के पास जहां हाथी हाई वोल्टेज तार की चपेट में आए थे, वहां तार की ऊंचाई लगभग आठ फीट थी। जबकि हाई वोल्टेज तार की ऊंचाई लगभग 12 से 15 फीट होनी चाहिए।

शव का हुआ पोस्टमार्टम
सूचना पाकर विधायक समीर मोहंती पहुंचे। डीएफओ ममता प्रियदर्शी भी वहां पहुंचीं। बहरागोड़ा के पशु चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार सिंह, चाकुलिया के डॉ. मनोज कुमार महंता और धालभूमगढ़ की डॉ. प्रतिमा कुमारी की देखरेख में हाथी का पोस्टमार्टम हुआ और दफना दिया गया।

एलीफेंट कॉरिडोर में नहीं हुई हाथियों की मौत ईई
पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में करंट से दो दिनों में दो मादा हाथियों की मौत को लेकर विद्युत विभाग ने अपना बचाव किया है। विभाग के कार्यपालक अभियंता राज किशोर ने कहा कि मादा हाथी की मौत एलीफेंट कॉरिडोर में नहीं हुई है। हाई वोल्टेज तार की ऊंचाई 12 से 15 फीट होनी चाहिए। एलटी, 11 हजार, 33 हजार सबकी ऊंचाई अलग-अलग होती है। विभाग द्वारा वन विभाग से एलीफेंट कॉरिडोर की सूची मांगी गयी थी उससे वरीय अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में तार को ज्यादा ऊंचा करना भी संभव नहीं है।

तार ऊंचा करवाने को विभाग से बात होगी
इधर, डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने आशंका जताते हुए कहा कि दोनों मादा हाथियों की मौत हाई वोल्टेज तार की चपेट में आकर जख्मी होने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ होगी। हाथी प्रभावित इलाके में जहां बिजली के तार नीचे हो गये हैं, वहां तार को आठ मीटर से ऊंचा किया जाएगा।

हाथियों को बचाने का प्रयास करे वन विभाग विधायक
हाथी की मौत की खबर पर विधायक समीर कुमार मोहंती भी घटना स्थल पर पहुंचे और जानकारी ली। विधायक ने कहा कि गत दिनों चाकुलिया नगर पंचायत के कमारीगोड़ा स्थित तालाब के पास हाथियों का एक दल आ पहुंचा था। दल के तीन-चार हाथी हाई वोल्टेज बिजली तार की चपेट में आ गये थे। उनमें से दो मादी हाथी की मौत हो गयी। विधायक ने डीएफओ ममता प्रियदर्शी से दूरभाष पर बात की और ऐसे हाथियों की पहचान कर बचाने के लिए पहल करने का निर्देश दिया।

हेमंत राज में हाथी भी सुरक्षित नहीं- डॉ. गोस्वामी
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन एवं जानवर की सुरक्षा की प्रतिबद्धता जताकर सत्ता में आई राज्य की गठबंधन सरकार के राज में अब जंगलों में हाथी भी सुरक्षित नहीं हैं। चाकुलिया के जंगलों में 2 दिनों में 2 हाथियों की मृत्यु सरकार एवं वन विभाग के वन्य प्राणियों के संरक्षण के दावे की कलई खोल दी। हाथियों की मौत पर वन विभाग अब बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वन्य प्राणी सरकारी विभागों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। डॉ. गोस्वामी गुरुवार को चाकुलिया प्रखंड की बिरदोह पंचायत के बिरदह स्थित आनंदमयी आश्रम में ग्रामीणों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हरिसाधन मल्लिक ने की। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले सप्ताह हाथियों के झुंड ने कुचियाशोली पंचायत के कई गांवों के धान के खेतों को रौंद डाला।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button