क्रोएशिया के विदेश मंत्री ने जर्मन विदेश मंत्री को जबरदस्ती किया किस
मैंने जो किया, वह एक सहकर्मी के प्रति गर्मजोशी भरा मानवीय नजरिया था-क्रोएशियाई विदेश मंत्री
नई दिल्ली-क्रोएशिया के विदेश मंत्री गॉर्डन ग्रलिक रेडमैन ने जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक को सरेआम किस करने की कोशिश की जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है. रेडमैन ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित यूरोपीय संघ के सम्मेलन में एक ग्रुप फोटो के दौरान अचानक जर्मन विदेश मंत्री का गाल चूम कर उन्हें बेहद असहज कर दिया. इस घटना का वीडियो वायरल होने पर उनकी खूब आलोचना हो रही है.सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि रेडमैन जर्मन विदेश मंत्री एनालेना की तरफ हाथ मिलाने के लिए मुड़ते हैं और फिर उन्हें किस कर देते हैं. वीडियो में एनालेना उन्हें रोकती दिख रही हैं. यह घटना तब हुई जब ईयू शिखर सम्मेलन की एक बैठक के बाद सभी नेता फोटोशूट के लिए जमा हुए थे.
क्रोएशियाई विदेश मंत्री की इस हरकत पर क्रोएशिया के पूर्व प्रधानमंत्री जद्रानका कोसोर ने सोशल मीडिया पर रेडमैन की आलोचना की है. कोसोर ने क्रोएशियाई भाषा में लिखा, ‘महिलाओं को जबरदस्ती किस करने को भी हिंसा कहा जाता है, है ना?’रिपोर्ट के मुताबिक, आलोचना को देखते हुए रेडमैन ने घटना पर अपनी सफाई भी दी है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि दिक्कत क्या हो गई… हम हमेशा एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. मैंने जो किया, वह एक सहकर्मी के प्रति गर्मजोशी भरा मानवीय नजरिया था.’
क्रोएशियाई महिला अधिकार कार्यकर्ता राडा बोरिक ने भी अपने विदेश मंत्री की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि रेडमैन की हरकत ‘बहुत ज्यादा अनुचित’ थी. उन्होंने कहा कि आप केवल उसी इंसान को किस कर सकते हैं जिसके साथ आपका किस करने का रिश्ता हो.उन्होंने कहा, ‘यह तो स्पष्ट है कि रेडमैन का जर्मन विदेश मंत्री के साथ ऐसा कोई रिश्ता नहीं है जिसमें वो उन्हें किस कर सकें. आप देखें कि एनालेना भी किस करने को लेकर हैरान रह गई थीं.’
इसके कुछ महीनों पहले ही स्पेन के सॉकर चीफ लुईस रुबीयाल्स खिलाड़ी जेन्नी हर्मोसो का होंठ चूमने को लेकर निशाने पर आ गए थे. लुईस ने महिला वर्ल्ड कप सेरेमनी के दौरान जैन्नी को किस किया था जिस पर जैन्नी ने आपत्ति जताई थी. लुईस ने पहले तो अपनी हरकत का यह कहते हुए बचाव किया था कि मैंने अपनी बेटी समझकर जेन्नी को किस किया था लेकिन बाद में आलोचना के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. 27 अगस्त को फीफा ने उन्हें पद से बर्खास्त भी कर दिया था.