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ताइवान खरीद रहा 11 हजार केस्‍ट्रेल मिसाइलें, पीएलए टैंकों का बनेगा कब्रिस्‍तान

ताइपे

चीन के हमले के खतरे का सामना कर रहा ताइवान 10,962 केस्‍ट्रेल एंटी टैंक मिसाइलें खरीदने जा रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सैन्‍य तैयारियों को मजबूत करने के लिए इन मिसाइलों की खरीद का ऑर्डर दिया है। करीब 11 हजार मिसाइलों की खरीद के लिए ताइवान को 34 लाख डॉलर खर्च करना होगा। ताइवान ने चीन के किसी भी हमले का करारा जवाब देने के लिए अपने नागरिकों को 4 महीने की अनिवार्य सैन्‍य ट्रेनिंग के बजाय 1 साल के लिए यह समयसीमा तय कर दी है। यह नई व्‍यवस्‍था 1 जनवरी 2024 से लागू होने जा रही है।

ताइवान की सेना ने इससे पहले सितंबर 2022 में 5 हजार केस्‍ट्रेल मिसाइलें खरीदीं थीं। अब उसने 5,962 अतिरिक्‍त मिसाइलों का भी ऑर्डर दिया है। खबरों के मुताबिक नवंबर 2025 के अंत तक ये सभी मिसाइलें ताइवान की सेना को मिल जाएंगी। ताइवान की सेना को अगस्‍त 2023 से ही ये मिसाइलें मिलना शुरू हो गई थीं। ताइवान चाहता है कि इस खरीद के जरिए ताइवानी सैनिक एंटी टैंक हथियारों का जमकर अभ्‍यास कर लें। वह भी तब जब चीन के हमले का खतरा बढ़ रहा है।
केस्‍ट्रेल मिसाइल क‍ितनी ताकतवर?

केस्‍ट्रेल ताइवान की स्‍वदेशी एंटी टैंक मिसाइल है जिसे ताइवान के चुंग शान इंस्‍टीट्यूट ने डिजाइन किया है और बनाया है। इस एक मिसाइल की कीमत 3100 डॉलर है जो काफी कम है। ताइवान की सेना, कोस्‍ट गार्ड, मिलिट्री पुलिस, मरीन सैनिक सभी इस मिसाइल को शामिल कर चुके हैं। ताइवान की मिलिट्री पुलिस ने हाल ही में इस मिसाइल की मदद से ताइवान के राष्‍ट्रपति भवन के पास मोटरसाइकिल पर बैठकर इस मिसाइल को दागने का अभ्‍यास भी किया था। इसके जरिए राष्‍ट्रपति भवन पर चीन का हमला होने की सूरत में किस तरह से उन्‍हें बचाना है, इस पर फोकस किया गया।

केस्‍ट्रेल मिसाइल सिंगल शॉट, कंधे पर रखकर दागे जाने वाली एंटी टैंक मिसाइल है। इसके जरिए दो तरह की मिसाइलों को फायर किया जा सकता है जिससे टैंक और किसी ढांचे दोनों को ही तबाह किया जा सकता है। इस मिसाइल के जरिए ईंट की 30 सेंटीमीटर मोटी दीवार को भी भेदा जा सकता है। इसका वजन 5 किलो है जिससे इसे ले जाना बहुत आसान है। इसके अंदर टेलिस्‍कोप और नाइट विजन डिवाइस भी लगाया जा सकता है। इसकी अधिकतम मारक दूरी 400 मीटर है। चीन के खतरे को देखते हुए ताइवान अमेरिका से हथियार खरीदने के अलावा स्‍वदेशी हथियारों के निर्माण पर फोकस कर रहा है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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