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मध्य प्रदेश में महिला मतदान ने भाजपा और कांग्रेस में जगाई आस

भोपाल.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों में सफलता की आस जगाने का काम किया है। दोनों को इस बात की उम्मीद है कि महिलाओं का बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत उनकी किस्मत को बनाने में मददगार साबित होगा।

राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 17 नवंबर को मतदान हुआ है। इस बार मतदान का प्रतिशत 77.15 रहा है, जिसमें पुरुष वर्ग का मतदान 78.21 और महिला वर्ग का मतदान 76.03 प्रतिशत है।

यह मतदान प्रतिशत पिछले 66 साल में सबसे अधिक है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मतदान का प्रतिशत 75.63 था। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़े इस बात का संकेत दे रहे हैं कि कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा रहा है।

इस बार के चुनाव में सभी की नजर महिला मतदाताओं पर रही है। इसकी वजह भी है क्योंकि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के लिए जहां लाडली बहना योजना शुरू की है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने सत्ता में आने पर नारी सम्मान योजना शुरू करने का वादा किया है।

राज्य में हुए मतदान में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मतदान का प्रतिशत या कहें की हिस्सेदारी कम रही है। मगर, पिछले चुनाव की तुलना में इस बार महिलाएं कहीं ज्यादा मतदान करने के लिए सामने आईं। इसी के चलते कांग्रेस हो या भाजपा दोनों को लगता है कि महिलाओं का वोट उसके हिस्से में ज्यादा आया होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं की चुप्पी और उसके बाद उनके वोट प्रतिशत में इजाफा इस बात का संकेत तो दे ही रहा है कि उनकी सियासी जागरूकता बढ़ी है और उन्हें राजनीतिक दल की योजनाएं भी रास आई हैं। मगर, किस दल की योजना उन्हें रास आई यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा। स्वाभाविक बात है दोनों राजनीतिक दलों को यह लगता है कि महिलाओं को उनकी योजनाएं रास आई होगी और यही कारण है कि महिलाओं ने उनके पक्ष में मतदान किया होगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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