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टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में 3,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना

टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में 3,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना

मुंबई
टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में इंजीनियरिंग, डिजाइन, लक्जरी, डिजिटल, डेटा विश्लेषण, विपणन और बिक्री सहित अन्य क्षेत्रों में 3,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना है। कंपनी ने  यह जानकारी दी।

कंपनी को डेटा विश्लेषण, साइबर सुरक्षा, उत्पाद प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग और अन्य नए जमाने के कौशल जैसे क्षेत्रों के लिए कुशल पेशेवरों की तलाश है।

टाइटन कंपनी की प्रमुख (मानव संसाधन-कॉरपोरेट और खुदरा) प्रिया एम. पिल्लई ने कहा, ‘‘हम अगले पांच साल में 1,00,000 करोड़ रुपये का कारोबार बनने के लिए एक रोमांचक यात्रा शुरू कर रहे हैं। अगले पांच साल में हम 3,000 नए लोगों को जोड़ेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अपने लोगों को आगे बढ़ाने के साथ यदि हम विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ लाते हैं, तो यह अच्छा होगा। इससे हमारी वृद्धि और नवोन्मेषण तेज होगा। उद्योग में हमारी स्थिति और मजबूत होगी।’’ फिलहाल कंपनी के कार्यबल का 60 प्रतिशत महानगरों में कार्यरत है। वहीं 40 प्रतिशत दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में है।

आईआईएफएल फाइनेंस बनी दूसरी सबसे बड़ी स्वर्ण ऋण एनबीएफसी

नयी दिल्ली
 आईआईएफएल फाइनेंस देश की दूसरी सबसे बड़ी स्वर्ण ऋण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बन गई है। इसने स्वर्ण ऋण पोर्टफोलियो में मणप्पुरम फाइनेंस को पीछे छोड़ दिया है।

आईआईएफएल फाइनेंस के स्वर्ण ऋण (गोल्ड लोन) पोर्टफोलियो ने 23,690 करोड़ रुपये के एयूएम (प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां) को पार कर लिया है। मणप्पुरम फाइनेंस का स्वर्ण ऋण एयूएम 20,809 करोड़ रुपये है।

आईआईएफएल फाइनेंस के स्वर्ण ऋण कारोबार के प्रमुख सौरभ कुमार ने कहा, ‘‘इससे एयूएम के लिहाज से कंपनी की दूसरे सबसे बड़े स्वर्ण ऋण प्रदाता के रूप में स्थिति और मजबूत हुई है।’’ इस बाजार में सबसे आगे मुथूट फाइनेंस है। इसका स्वर्ण ऋण एयूएम सितंबर, 2023 तक 66,089 करोड़ रुपये था।

कुछ महीनों तक काफी धीमी हो सकती है ऐप-आधारित ऋण सेवा

नई दिल्ली
 मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐप-आधारित ऋण सेवा में नए प्लेयर्स के आने से इसमें अब कम से कम कुछ महीनों के लिए बहुत धीमी वृद्धि देखी जा सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड खंड ने पिछले दो वर्षों में 22 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की है। आरबीआई यह जांचने के लिए ऋणदाताओं पर बारीकी से नजर रखता है कि क्या किसी विशेष खंड में वृद्धि अधिक हो रही है। सावधानी के तौर पर, यदि आरबीआई को चिंता महसूस होती है तो वह ऋणदाताओं को विकास को धीमा करने के लिए सूचित करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि आरबीआई ने आवास ऋण और वाहन वित्त में उच्च वृद्धि के बारे में चेतावनी नहीं दी है क्योंकि इन ऋणों के लिए आनुषंगिक (कोलैटरल) बेहतर प्रतीत होता है, जबकि उपभोक्ता ऋण के लिए आनुषंगिक (कोलैटरल) कमजोर होता है।

आगे कहा गया, ''परिणामस्वरूप उपभोक्ता क्षेत्रों में चूक से ऋणदाताओं की लाभप्रदता में बाधा आ सकती है। इस कदम का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में हाल ही में देखी गई तेजी से वृद्धि को रोकना है। इस कार्रवाई से एनबीएफसी और डिजिटल फिनटेक ऋणदाता काफी प्रभावित होंगे क्योंकि उनके पास विविधीकृत बैलेंस शीट नहीं है।''

एनबीएफसी ग्राहकों पर लागत का बोझ डालने में सक्षम नहीं हो सकती हैं, जिससे निकट अवधि में मार्जिन पर कुछ दबाव पड़ सकता है। आरबीआई ने मजबूत डेटा विश्लेषण और अनुमान प्रस्तुत किए हैं, जबकि डिफॉल्ट पर कोई ठोस डेटा नहीं है।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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