राजनीति

ईवीएम की सरकारी सुरक्षा पर दलों को भरोसा नहीं, स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर के एजेंट तैनात

भोपाल

मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान के बाद EVM स्ट्रॉन्ग रूम में थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखी गई हैं। इसके बाद भी पॉलिटिकल पार्टियों को गड़बड़ी की आशंका है। यही वजह है कि दोनों ने निगरानी के लिए अपने एजेंट तैनात कर रखे हैं। ज्यादातर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ता पहरा दे रहे हैं।

यही वजह है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थकों ने एमएलबी कालेज के स्ट्रांग रूम के बाहर डेरा जमा लिया है। टीवी स्क्रीन पर वह ईवीएम की निगेहबानी कर रहे हैं। रविवार को डबरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे निगरानी के लिए पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचकर अपने समर्थकों से चर्चा की और सतर्क रहने को कहा।

एमएलबी कालेज प्रवेश गेट पर पुलिस के जवान बिना पहचान पत्र के किसी को भी अंदर दाखिल नहीं होने दे रहे हैं। पहचान पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। बेरीकेड्स लगाकर स्ट्रांग रूम को कवर किया गया है। हथियारबंद पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। ईवीएम की निगरानी के लिए पहुंचे कांग्रेस समेत अन्य प्रत्याशियों व उनके प्रतिनिधियों के लिए खेल मैदान में टेंट लगाए गए हैं। जहां से वह सीसीटीवी से जुड़ी स्क्रीन पर ईवीएम की निगरानी कर रहे हैं। स्क्रीन बंद होने पर तत्काल उसे बदलवाया गया।

ऐसा होता है स्ट्रांग रूम का सुरक्षा घेरा

स्ट्रांग रूम का मतलब वह कमरा, जहां ईवीएम मशीनों को पोलिंग बूथ से लाकर रखा जाता है। इसकी सुरक्षा अचूक होती है। यहां हर कोई नहीं पहुंच सकता। इसकी सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से चाक-चौबंद रहता है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा चुनाव आयोग तीन स्तर पर करता है। इसकी अंदरूनी सुरक्षा का घेरा केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के जरिये बनाया जाता है। इसके अंदर एक और सुरक्षा होती है, जो स्ट्रांग रूम के भीतर होती है, ये केंद्रीय बल के जरिये की जाती है। सबसे बाहरी सुरक्षा घेरा पुलिस बल के हाथों में होता है।

 
Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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