राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

विदाई के बाद भी दो दिन तक ससुराल नही पहुंची दुल्हन, दूल्हे के साथ सड़क पर बितानी पड़ी रात

नई दिल्ली
शादी की पूरी तैयारिंया कर दूल्हा बारातियों के साथ अपने घर से निकला था तो दूसरी ओर मंडप के नीचे दुल्हन बारात का इंतजार कर रही थी। बारात भी समय पर और, परिवारजनों मौजूदगी में दूल्हा-दुल्हने सात फेरे भी लिए। लेकिन, शादी के चंद घंटे बाद ही दूल्हे, और दुल्हन का संघर्ष का भी शुरू हो गया है। दोनों को शादी के बाद सड़क पर रात गुजारनी पड़ी। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पिथौरागढ़ जिले में जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क की बदहाली के कारण दुल्हन को विवाह के बाद पीहर से विदा होकर पिया के घर की बजाय पूरी रात खुले आसमान के नीचे बिताने पड़ी। रास्ते में ट्रक फंसने से यह सड़क बंद हो गई थी। बारात के वाहन दूल्हे के घर से करीब 18 किमी दूर फंस गए। करीब सात घंटे तक बारात यहां फंसी रही। आखिरकार, कुछ बारातियों ने ही ट्रक को धक्का देकर सड़क के किनारे किया, तब बारात आगे बढ़ी और अगले दिन तड़के दुल्हन ससुराल पहुंची।

चीन सीमा पर बसे मुनस्यारी क्षेत्र में आवाजाही के लिए दो ही मार्ग हैं। इनमें से ही एक जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क है। मौजूदा वक्त में यह बदहाल हो चुकी है। मदकोट से आगे की सड़क कच्ची है तो कहीं बड़े-बड़े गड्ढे हैं। ऐसे में यहां आए दिन लोगों को जूझना पड़ रहा है। क्षेत्रवासी कवींद्र की बारात 22 नवंबर को कनालीछीना गई थी। इसमें 200 से अधिक बाराती थे। विवाह संपन्न होने के बाद वापसी के दौरान कैठी बैंड पर एक ट्रक गड्ढों के कारण सड़क के बीचोंबीच फंस गया।

इस कारण बारात में शामिल वाहन भी यहां फंस गए। रात भर सड़क खुलने के इंतजार में दूल्हा-दुल्हन सहित अन्य बाराती वाहनों में ही बैठे रहे। ट्रक हटाने की जब किसी भी स्तर से कोई पहल नहीं हुई तो कुछ बारातियों ने ही 23 नवंबर को तड़के करीब तीन बजे ट्रक को धक्का देकर सड़क के किनारे किया। तब बारात आगे बढ़ सकी

एक दिन की बारात, सड़क के कारण दो दिनी हुई
ट्रक फंसने से बंद सड़क में फंसी बारात के अगले दिन घर पहुंचने पर लोगों का कहना था कि विवाह कार्यक्रम तो एक दिन का था, लेकिन सड़क की बदहाली ने इसे दो दिन का बना दिया। मल्ला जोहार समिति के अध्यक्ष श्रीराम धर्मशक्तू का कहना है कि सड़क को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन को गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खराब सड़क से जहां लोगों को दिक्कत होती है वहीं हादसे का खतरा बना रहता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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