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चीन की खस्ताहाल इकॉनमी विदेशी निवेशक निकाल रहे अपना पैसा

बीजिंग

चीन की खस्ताहाल इकॉनमी का हाल किसी से छिपा नहीं है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन की सख्त पाबंदियों ने चीन की इकॉनमी को हिलाकर रख दिया। डूबते रियल एस्टेट सेक्टर की आग अब बैंकिंग सेक्टर तक पहुंच गई है। विदेशी निवेशकों को लेकर चीनी सरकार की दखल का असर दिखने लगा। विदेशी निवेशक चीन से अपना पैसा निकालने लगे हैं। वहीं घटते निर्यात ने चीन की मुश्किल को और बढ़ा दिया। चीन की अर्थव्यवस्था भले डामाडोल हो, लेकिन उनकी धौंस में कोई कमी नहीं आई है। अमेरिका दौरे पर चीन के राष्ट्रपति का ऐसा ही रवैया देखने को मिला। चीन संग कारोबार के लिए कारोबारियों को नया फंडा अपनाना पड़ रहा है। गिरती अर्थव्यवस्था के बीच चीन का घमंड सातवें आसमान पर ही है।
 

40 हजार डॉलर की डिनर

चीन और अमेरिका के बीच रिश्तों में खटास किसी से छिपी नहीं है। चाहे व्यापार तो या किसी अन्य देश की मदद का मौका, चीन और अमेरिका के बीच मनमुटाव अक्सर सामने आ जाता है। दोनों के रिश्तों का असर कारोबार पर भी दिखा। चीन के रवैये के चलते कई अमेरिकी कंपनियों ने वहां से अपना कारोबार समेटना शुरू कर दिया। चीन ने अमेरिकी या विदेशी कंपनियों के लिए कारोबार को पहले से भी ज्यादा कठिन कर दिया है। यह चीनी स्टॉक और बॉन्ड से वापस लिए गए निवेश से साफ है।

चीन में कारोबार के लिए कीमत

अगर अमेरिकी या किसी ही विदेशी कंपनियों को चीन में व्यापार करना है तो उन्हें शी जिनपिंग के साथ 40000 करोड़ डॉलर का डिनर करना होगा। वॉल स्ट्रीट जर्नल में अपने लेख में इस बात का उल्लेख किया है और बताया है कि कैसे 40 हजार डॉलर चुकाकर आप चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ डिनर कर सकते हैं । उन्होंने इसके लिए उदाहरण भी दिया। बताया कि कैसे एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर कंपनी वीएमवेयर को खरीदने के ब्रॉडकॉम के प्रस्ताव को चीनी अधिकारियों ने जानबूझकर देरी की। देरी की वजह से इस डील को तीन बार टालने का फैसला किया गया। इसी तरह से इंटेल और इस्राइली कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के 5.4 अरब डॉलर के डील में देरी की गई।

40000 करोड़ डॉलर के डिनर से फायदा

अमेरिकी कंपनी ब्रॉडकॉम और वीएमवेयर के डील में चीनी अधिकारियों ने जानबूझकर देरी की। वहीं जब चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिग अमेरिकी दौरे पर सैन फ्रांसिस्को पहुंचें तो ब्रॉडकॉम के सीईओ हॉक टैन ने 40 हजार डॉलर का भुगतान कर उनके साथ डिनर किया। ब्रॉडकॉम के सीईओ हॉक टैन ने ये कीमत सिर्फ इसलिए चुकाई ताकि चीन उनके 69 अरब डॉलर के सौदे को मंजूरी दे दे। जिनपिंग के साथ डिनर के ठीक बाद चीन ने ब्रॉडकॉम के अधिग्रहण को मंजूरी भी दे दी। इसी तरह से मास्टरकार्ड की भी लंबे वक्त से अटकी डील पूरी हो गई। मास्टरकार्ड को चीन में युआन-नामित कार्ड जारी करने की मंजूरी मिली।

चीन की धौंस

अमेरिकी कारोबारी समूहों ने चीनी राष्ट्रपति के लिए डिनर का आयोजन किया था। उनकी यह चाल सफल भी रही। लंबे वक्त से अटली डील को इस डिनर के बाद चीन ने मंजूरी दे दी। चीन की अर्थव्यवस्था पहले से बुरे दौर से गुजर रही है। वहीं अमेरिका के सामने चीन शक्तिप्रदर्शन का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है। कारोबारियों खासकर अमेरिकी बिजनेस समूहों के सामने वो धौंस दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ता है।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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