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अब व्लादिमीर पुतिन की अपील- कम से कम 8 बच्चे पैदा करें महिलाएं, जंग में मरे तीन लाख

रूस
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की महिलाओं से अपील की है कि वे कम से कम 8 बच्चे पैदा करें। यही नहीं उन्होंने कहा कि हमें बड़े परिवारों को सामान्य नजर से देखना होगा और यह जरूरी है। मॉस्को में पुतिन ने वर्ल्ड रसियन पीपल्स काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा कि रूस में जन्मदर 1990 से ही घट रही है। बीते साल फरवरी से ही यूक्रेन से रूस जंग लड़ रहा है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध में अब तक 3 लाख से ज्यादा सैनिक मर चुके हैं। यह रूस के मानव संसाधन के लिहाज से बड़ा नुकसान है। रूस एक बड़ा देश है, लेकिन आबादी का घनत्व कम है। इसे लेकर रूस चिंतित रहा है।

व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हमें आने वाले कुछ दशकों तक आबादी बढ़ाने का लक्ष्य रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कई समुदाय हैं, जो आज भी बड़े परिवारों में यकीन रखते हैं। उनके यहां 4, 5 या उससे भी ज्यादा बच्चे हैं। हमें याद रखना चाहिए कि हमारी दादी, परदादी और नानी, परनानी के 7, 8 या उससे भी अधिक बच्चे होते थे। उन्होंने कहा कि हमें बड़े परिवारों की परंपरा को जिंदा रखना होगा। इसे एक सामान्य नियम बनाना होगा। हमारी जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए कि परिवार बड़े हों। उन्होंने कहा कि परिवार सिर्फ राज्य और समाज का ही आधार नहीं हैं बल्कि यह धार्मिक लिहाज से भी सही है।

रूसी राष्ट्रपति के भाषण को प्रेसिडेंट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने कहा, 'अपनी आबादी को बचाना और उसे बढ़ाना हमारा अगले कुछ दशकों और आने वाली पीढ़ियों तक लक्ष्य होना चाहिए। यही दुनिया में रूस का भविष्य होगा। यह हमारी जरूरत है।' इस कार्यक्रम का आयोजन रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च की ओर से किया गया था। इस आयोजन में रूस के कई समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसी में व्लादिमीर पुतिन ने पारिवारिक मूल्यों को बचाने और फैमिली को विस्तार देने का सुझाव दिया।

पुतिन ने अपने भाषण में यूक्रेन में मारे गए सैनिकों का जिक्र नहीं किया, लेकिन आबादी बढ़ाने की उनकी अपील को इससे जोड़ा जरूर जा रहा है। ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि जंग में रूस के करीब 3 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं। यही नहीं दावा यह भी किया जा रहा है कि रूस से 8 से 9 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। यही नहीं आर्थिक गतिविधियां भी कमजोर हो रही हैं। रूस में वर्कफोर्स भी कम हो रही है और युवाओं की कमी है। ऐसे में आबादी कम होना देश के लिए हर तक का संकट पैदा कर रहा है।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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