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टूटते तारों की सबसे बड़ी बारिश करेगी हैरान, आसमान में हर घंटे टूटेंगे 100 से 150 तारे

नई दिल्ली
आसमान में टूटते तारों की सबसे तेज व चमकीली बारिश देखने को तैयार हो जाएं। इस महीने यानी दिसंबर में जेमिनीड उल्कापात चरम पर होगा। जहां रात के अंधेरे में आपको आसमान में हर घंटे 100 से 150 टूटते तारे नजर आएंगे। यह खगोलीय घटना मध्य दिसम्बर यानी 13 और 14 तारीख को चरम पर होगी।

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र यादव के अनुसार, इस खगोलीय घटना का नाम ‘जेमिनीड उल्कापात’ है। डॉ. यादव बताते हैं कि यह प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो चुकी है, जो 24 दिसंबर तक जारी रहेगी। इस खगोलीय घटना को ‘टूटते तारों’ के नाम से भी पहचाना जाता है। हालांकि, वास्तविक तारों से इस घटना का कोई सीधा संबंध नहीं है। यह आसमान में गुजरती उल्काओं का जलता हुआ मलबा भर है।

100 किमी की ऊंचाई पर खगोलीय घटनाक्रम
जब धूमकेतु का मलबा पृथ्वी के मार्ग पर आ जाता है, तो वह पृथ्वी के वातावरण के सम्पर्क में आकर जलने लगता है। जिससे आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा देखने को मिलता है। यह खगोलीय घटना पृथ्वी से महज 100 से 120 किमी की ऊंचाई पर होती है। टूटते तारों का यह अद्भुत नज़ारा क्षण भर के लिए ही नजर आता है और पलक झपकते ही ओझल भी हो जाता है।

इस आधार पर रखा गया है इसका नाम
एरीज के वैज्ञानिक डॉ.यादव के अनुसार, उल्कापात का नाम आमतौर पर उस तारामंडल या नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है, जहां से यह आता है। इसी आधार पर जेमिनीड उल्कापात का नाम मिथुन राशि यानि जेमिनी तारामंडल के नाम पर रखा गया है। खास बात यह है कि यह उल्कापात साल का सर्वाधिक आकर्षक उल्कापात माना जाता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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