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हमास पर हमले के बीच इजरायल ने लेबनान से माफी मांगी, हो रही थी बदनामी

गाजा-गाजा पट्टी में संघर्ष विराम की समाप्ति के साथ ही इजरायली सेना और हमास आतंकियों के बीच युद्ध फिर से शुरू हो गया है। आईडीएफ ने गाजा में हमास के ठिकानों पर तेजी से हमला शुरू कर दिया है। इजरायल का दावा है कि अभी भी हमास के पास उसके सैकड़ों लोग कैद में हैं। हमास पर हमलों के बीच इजरायली सेना ने लेबनान से माफी मांगी है।

एक दुर्लभ बयान में इजरायल रक्षा बल आईडीएफ ने बुधवार को हमले के दौरान एक लेबनानी सैनिक की हत्या पर खेद व्यक्त किया। सेना के अनुसार, सीमा पर हिजबुल्लाह के ठिकाने का पता लगा था, जिसके बाद हमला किया गया। यह हमला हिजबुल्लाह द्वारा संभावित हमले को नष्ट करना था। आईडीएफ को एक रिपोर्ट मिली कि हमले के दौरान लेबनान की सेना के कई सैनिक घायल हो गए। उसने कहा कि हमले का निशाना लेबनानी सेना नहीं थी। उसे इस घटना के लिए खेद है और इसकी जांच की जाएगी।

4 दिसंबर को युद्धविराम की अवधि पूरी होने जाने के बाद इजरायली सैनिकों ने गाजा में हमास आतंकवादियों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच, एसोसिएटेड प्रेस ने वाशिंगटन के अधिकारियों के हवाले से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हिंसा में शामिल लोगों पर वीजा प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।

दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर और मिस्र, ने पहले इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता की थी, ने कहा कि वे लंबे संघर्षविराम पर काम कर रहे थे। हालांकि, कतर द्वारा इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाने के बाद एक और अस्थायी संघर्ष विराम की उम्मीदें धूमिल हो गईं हैं। इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में अब तक 16,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि गाजा के 23 लाख  में से तीन-चौथाई से अधिक आबादी पलायन कर चुकी है।

गौरतलब है कि इजराइल की सेना ने दक्षिणी गाजा के मुख्य शहर पर हमला शुरू किया था जो पांच सप्ताह बाद भी जारी है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हमास की सशस्त्र शाखा, अल क़स्साम ब्रिगेड ने कहा कि उसके लड़ाके इजरायली लोगों के साथ हिंसक झड़पों में लगे हुए हैं। हमास की सशस्त्र शाखा ने कहा कि उसने मंगलवार को आठ इजरायली सैनिकों को मार डाला या घायल कर दिया और 24 सैन्य वाहनों को नष्ट कर दिया। एक इजरायली सैन्य वेबसाइट ने मंगलवार को दो सैनिकों की मौत और जमीनी कार्रवाई शुरू होने के बाद से 83 सैनिकों की मौत की सूची दी है।

अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच हमास की बर्बरता और यौन हिंसा की घटनाओं पर भी चर्चा हुई। सिहरन पैदा करने वाली इस जघन्य आतंकी वारदात के बीच संयुक्त राष्ट्र के मंच पर यौन हिंसा के वृत्तांत प्रसारित करने की बात सामने आई है। खास बात यह कि प्रसारण संयुक्त राष्ट्र की आलोचना के बावजूद किया गया।

दरअसल, इस्राइल और हमास की लड़ाई के बीच शेरिल सैंडबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र में एक आंशिक बैठक का आयोजन किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र पर बीते सात अक्तूबर को हुए आतंकी हमलों के दौरान महिलाओं के साथ हैवानियत, बलात्कार और अंग-भंग जैसे मामलों की अनदेखी के आरोप लगाए। उन्होंने इस्राइल पर हमले के भुक्तभोगी और प्रत्यक्षदर्शी गवाहों से बात करने के बाद जुटाए गए ऐसे विवरण सुनाए जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

महिलाओं के साथ हमास ने कैसी हैवानियत की इसका अंदाजा इसी से होता है कि एक महिला के गुप्तांगों में लोहे की कील और कई दूसरी वस्तुएं भी बरामद की गईं। एक अन्य घर में शव को इतना क्षत-विक्षत कर दिया गया था कि पुरुष या महिला में फर्क करना मुश्किल था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में सिम्चा ग्रीनमैन नाम के एक वॉलंटियर ने हमास के हमले में मारे गए लोगों के अवशेष जमा करने करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के अनुसार, जब इन्होंने हमास की हैवानियत की सिहरन पैदा करने वाली कहानी सुनाई तो कई बार उनका गला रुंध गया। उन्होंने कहा, “मैंने भयानक चीजें अपनी आंखों से देखीं और मैंने अपने हाथों से महसूस किया।”

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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