RO.NO. 13207/103
व्यापार जगत

महंगाई : प्याज, टमाटर की ऊंची कीमतों से नवंबर में बढ़ी थाली की कीमत

नईदिल्ली

नवंबर में वेज थाली के दाम में और इजाफा देखने को मिला है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, अनियमित बारिश के कारण खरीफ सीजन में कम उत्पादन और त्योहारी सीजन में अधिक मांग के कारण भारत में वेज थाली की कीमत अक्टूबर की तुलना में नवंबर में 10 प्रतिशत बढ़ गई। नॉन-वेज थाली की कीमत में मासिक आधार पर 5 फीसदी का उछाल आया।

प्याज और टमाटर की कीमतें बढ़ने से महंगी हुई वेज थाली

अपने रोटी राइस रेट इंडेक्स में, क्रिसिल ने कहा कि वेज थाली की कीमत में बढ़ोतरी के लिए प्याज की कीमतों में 58 प्रतिशत और टमाटर की कीमतों में 35 प्रतिशत की वृद्धि जिम्मेदार थी। पिछले साल नवंबर की तुलना में वेज थाली की कीमत में 9 फीसदी का बदलाव आया है।

क्रिसिल ने कहा, “प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 93 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि के कारण वेज थाली की कीमत सालाना आधार पर (YoY) 9 प्रतिशत बढ़ गई। दालों की कीमतों में भी सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दालें, वेज थाली की कीमत में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है।

एक वेज थाली में आमतौर पर रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है। क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है। मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है। डेटा से अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस सहित उन सामग्रियों का भी पता चलता है, जो थाली की कीमत में बदलाव लाते हैं।

नॉन वेज थाली के लिए, चिकन की कीमत में गिरावट के कारण कीमतों में वृद्धि कम हुई. नॉन वेज थाली में चिकन की लागत कुल लागत का 50 प्रतिशत है. नॉन-वेज थाली में दाल की जगह चिकन ले लेता है जबकि बाकी चीजें वैसी ही रहती हैं. सितंबर की तुलना में अक्टूबर में वेज और नॉन-वेज थाली की कीमत में 1 फीसदी और 3 फीसदी की कमी आई थी. महीने के दौरान आलू, टमाटर और ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट आई थी.

नॉन-वेज थाली के दाम 5% बढ़े

नॉन-वेज थाली की कीमत में मासिक आधार पर 5 फीसदी का उछाल आया। ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट के कारण नॉन-वेज थाली की कीमतों में वृद्धि कम थी। बता दें कि ब्रॉयलर की कीमतें एक नॉन-वेज थाली की कुल लागत का 50 प्रतिशत है। नॉन-वेज थाली के घटक वेज थाली के समान ही होते हैं, बस दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है।

पिछले साल नवंबर की तुलना में नॉन-वेज थाली की कीमत में कोई बदलाव नहीं आया। टमाटर और ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट के कारण अक्टूबर में वेज और नॉन-वेज थालियों की कीमत सितंबर की तुलना में 1 प्रतिशत और 3 प्रतिशत कम हो गई।

भारत में फूड इंफलेशन को कम करने के लिए, केंद्र सरकार नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED), केंद्रीय भंडार और राज्य-नियंत्रित सहकारी समितियों के माध्यम से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज बेच रही है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button