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दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी, फिलीपींस की जहाजों को मारी टक्कर

मनीला

फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में तैनात अपनी जहाजों पर चीन द्वारा हमला करने का आरोप लगाया है. फिलीपींस तटरक्षक बलों के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि चीन के कोस्ट गार्ड ने हमारी जहाजों पर पानी की बौछारें कीं और टक्कर मारी. फिलीपिनियन कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता जे तारिएला ने कहा कि 'उनैजा मॅई 1' नाम के जहाज के इंजन को गंभीर क्षति पहुंची है, जबकि 'एम/एल कलायान' पर पानी की बौछारें की गईं. 

फिलीपींस के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में स्थित सेकेंड थॉमस शोल के आसपास अक्टूबर के बाद से फिलीपीन और चीनी जहाजों के बीच टक्कर की यह दूसरी घटना है. इस क्षेत्र में फिलिपिनो सैनिक एक पुराने युद्धपोत पर रह रहे हैं, जिसे 1999 में विवादित जलमार्ग में मनीला के दावों की रक्षा के लिए जानबूझकर तैनात किया गया था. इस घटना को लेकर चीनी अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है. यह टक्कर तब हुई जब लगभग 40 फिलीपीन जहाजों का क्रिसमस कॉनवॉय रविवार को विवादित तट की ओर रवाना हुआ. 

दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस का 'एटिन इतो' कैम्पेन

इससे पहले शनिवार को चीन के तट रक्षक बलों ने फिलीपींस के फिशरीज ब्यूरो के एक सिविलियन गवर्नमेंट वेसल पर पानी की बौछार की थी. फिलीपींस ने चीन की इस अवैध और आक्रामक कार्रवाइयों की निंदा की थी. एटिन इतो (यह हमारा है) कैम्पेन नेटवर्क द्वारा आयोजित इस मिशन में 200 से अधिक मछुआरे, सिविल सोसाइटी ग्रुप, युवा नेता शामिल हुए हैं. यह अभियान दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के अधिकारों की रक्षा के लिए चलाया गया है.

इस क्षेत्र में देखे गए थे चीन के 135 से अधिक मिलिट्री बोट 

कुछ दिन पहले दक्षिणी चीन सागर में चीन के 135 से अधिक मिलिट्री बोट देखे गए थे. फिलीपींस ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इतने अधिक मिलिट्री बोट के कारण दक्षिण चीन सागर में खतरनाक स्थिति बन गई है. नवंबर महीने में इस क्षेत्र में मैरीटाइम मिलिशिया के 111 जहाज देखे गए थे. मैरीटाइम मिलिशिया को फिशिंग मिलिशिया भी कहा जाता है. चीन इनका प्रयोग समुद्री देखरेख के लिए करता है. फिलीपींस ने चाइनीज मिलिट्री बोट पर उसके स्पेशल इकोनॉमिक जोन में घुसने का आरोप भी लगाया था.

दक्षिण चीन सागर को लेकर क्या विवाद है?

दक्षिण चीन सागर दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक है. यह समुद्री मार्ग से व्यापार एवं परिवहन के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रवेश द्वार है. दक्षिण चीन सागर या साउथ चाइन सी पर दावे को लेकर चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रूनेई दारुसलाम, फिलीपींस, ताइवान, स्कार्बोराफ रीफ जैसे विभिन्न देशों के बीच विवाद है. ये देश इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं. मूल विवाद की जड़ दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली और पार्सल द्वीप हैं, क्योंकि ये दोनों द्वीप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार से परिपूर्ण हैं. 

चीन इसके 90% हिस्से पर ठोकता है दावा

  एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण चीन सागर क्षेत्र की परिधि में करीब 11 अरब बैरल प्राकृतिक गैस और तेल तथा मूंगे के विस्तृत भंडार मौजूद हैं. इसके 90 प्रतिशत हिस्से पर चीन अपना दावा ठोकता है. साल 2016 में एक इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने चीन के दावे को अवैध बताया था. इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल एक तरह की विशेष अदालतें होती हैं जो इंटरनेशनल क्रिमिनल लॉ के क्षेत्राधिकार में आने वाले मामलों में सुनवाई करती हैं. चीन ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था. 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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