120 करोड़ का खर्च… आतंकियों और हाई-रिस्क कैदियों के लिए दिल्ली में बनाई जा रही नई जेल
नईदिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाई सिक्योरिटी जेल बनाई जा रही है. दिल्ली में ये चौथी हाई सिक्योरिटी जेल दो साल में बनकर तैयार हो जाएगी. इसे अंडमान के सेलुलर जेल की तरह डिजाइन किया जा रहा है. इसमें करीब 120 करोड़ का खर्चा आएगा. सरकार का कहना है कि इस हाई सिक्योरिटी जेल में आतंकियों और हाई-रिस्क कैदियों को रखा जाएगा.
दिल्ली में यह जेल नरेला इलाके में बनाई जा रही है. सरकार ने इसके लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी है. सरकार का कहना है कि यहां उन खूंखार अपराधियों को रखा जाएगा, जो गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं या सजायाफ्ता हैं या जिनकी सुरक्षा काफी संवेदनशील होती है. केंद्र सरकार ने जेल परिसर के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसका डिजाइन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल की तरह होगा.
'जल्द बुलाए जाएंगे टेंडर'
एक अधिकारी ने बताया कि संबंधित मंत्री से प्रशासनिक मंजूरी ले ली गई है. फाइल वित्त विभाग को भेज दी गई है. इसमें कुछ सवाल थे, जिनका जवाब दे दिया गया है. इसके बाद लोक निर्माण विभाग जेल परिसर के निर्माण के लिए टेंडर बुलाएगा. मौजूदा गति को देखते हुए जेल का निर्माण दो साल में पूरा हो जाएगा. परिसर के लिए भवन योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और यह अर्ध-वृत्ताकार आकार में होगा.
'नरेला में बनने जा रही है दिल्ली की चौथी जेल'
बता दें कि दिल्ली में अभी तीन जेल परिसर हैं. इनमें तिहाड़, रोहिणी और मंडोली का नाम शामिल है. ये सभी केंद्रीय जेल में आते हैं. नरेला में दिल्ली का चौथा जेल परिसर बनने जा रहा है. तिहाड़ के बारे में कहा जाता है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी जेल है. इसके परिसर में 9 केंद्रीय कारागार हैं. यहां 5200 कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन अभी दोगुने से ज्यादा कैदी बंद हैं. यही हाल बाकी दोनों जेलों का भी है. इन जेलों में बंद कुछ हाई रिस्क वाले कैदियों में महाठग सुकेश चंद्रशेखर और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक शामिल हैं.
'जेल में 250 सेल बनाए जाएंगे'
नरेला जेल के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जेल की सुरक्षा सुविधाओं में सीसीटीवी कैमरे, 24 घंटे निगरानी, कैदियों को ज्यादा बातचीत ना करने देने की सुविधाओं से युक्त आइसोलेशन रूम, ऊंची दीवारें और बेहतर तकनीक के मोबाइल जैमर शामिल होंगे. अधिकारियों ने पहले कहा था कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने नरेला में जेल के लिए जमीन आवंटित की है और अनुमानित योजना के अनुसार, जेल में 250 सेल होंगे और इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल की तर्ज पर बनाया गया है. उन्होंने कहा, जेल में योग जैसी सुधारात्मक सुविधाएं और एक फैक्ट्री होगी, जहां कैदी कुछ चीजें बनाने के अलावा अन्य काम भी कर सकेंगे.