आग के ढेर पर चल रहा बिहार का यह मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, फायर सेफ्टी अधिकारी ने भेजा नोटिस, जानें सच्चाई
पटना
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में राज्य भर से मरीज इलाज कराने आते हैं। कैंसर अस्पताल शुरू हो जाने के बाद पड़ोसी राज्य और नेपाल से भी मरीज आ रहे है। लेकिन यहां भर्ती और आउटडोर में आने वालों के लिए अग्नि से सुरक्षा के प्रबंधन नहीं किए गए हैं। अग्निशमन पदाधिकारी ने इसके लिए एसकेएमसीएच को नोटिस जारी किया है। कहा है कि यथाशीघ्र अग्निसुरक्षा प्रबंध किए जाएं अन्यथा अग्निसुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी
अग्निशमन पदाधिकारी ने एसकेएममीएच के अधीक्षक को भेजे नोटिस में कहा है कि अस्पताल की बहुमंजिली इमारत में कोई तलघर नहीं है। अग्निसुरक्षा के लिए कोई फायर सेफ्टी अधिकारी तक की नियुक्ति नहीं है। जिस कर्मचारी को अग्निसुरक्षा के काम में लगाया बताया गया है, उसके पास फायर सेफ्टी की न कोई डिग्री है और न ही प्रशिक्षण दिलाया गया है। अग्निशमन पदाधिकारी ने अधीक्षक को 30 दिनों में फायर सेफ्टी अफसर की नियुक्ति करने या प्रतिनियुक्त कर्मी को अग्नि प्रशिक्षण अकादमी से प्रशिक्षण दिलाने को कहा है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि 30 दिनों के भीतर ऐसा नहीं किया गया तो मामले में अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
अग्निशामक वाटर पंप की टेस्टिंग नहीं
मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में अग्नि सुरक्षा के लिए करोड़ से अधिक खर्च कर लगाया गया। लेकिन अभी तक इसकी टेस्टिंग भी नहीं की गयी है। अग्निशामक वाटर यंत्र शोभा की वस्तु बना है। इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। ऐसे में दुर्घटना होती है तो सुविधा रहते हुए बड़ी तबाही हो सकती है। दो साल पूर्व अस्पताल के जीर्णोद्वार दौरान बिहार मेडिकल आईसीएल ने पूरे अस्पताल में पाइपलाइन लगाया था। बिजली मोटर, डीजल पंपसेट भी लगाया गया, लेकिन अग्निशमन विभाग की जांच के दौरान इस पंप से एक बूंद भी पानी नहीं निकल सका। इस मामले में अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह ने बताया अग्निशमक वाटर पंप लगाया गया था, जिसका टेस्टिंग नहीं हो सका है। इधर, एसकेएमसीएच की अधीक्षक प्रो डॉ आभा रानी सिन्हा ने बताया स्वास्थ्य विभाग को वाटर पंप की टेस्टिंग के लिए पत्र लिखा जा रहा है। कुल मिलाकर लापरवाही भी की जा रही है और पकड़े जाने पर बहाने बनाकर निकलने की कोशिश अधिकारी कर रहे हैं।