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खेल जगत

AUS vs PAK Perth Test: जूते पर जिस.मैसेज को लिखने से मचा बवाल, उसको लेकर खुलकर बोले उस्मान ख्वाजा

 नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया वर्सेस पाकिस्तान टेस्ट मैच के आगाज से पहले ही उस्मान ख्वाजा के जूते पर लिखे मैसेज को लेकर बवाल खड़ा हो गया। फिलिस्तीन के सपोर्ट में उस्मान ख्वाजा ने अपने जूते पर एक मैसेज लिखा था, जिसमें लिखा हुआ था, All lives are equal (सभी का जीवन बराबर है), इसको लेकर इतना बवाल मचा कि ख्वाजा को इन जूतों को त्यागना ही पड़ गया। पाकिस्तान ्क्रिकेट टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर है, जहां उसे तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। सीरीज का पहला टेस्ट मैच 14 दिसंबर से पर्थ स्टेडियम में खेला जाना है। इस मैच से पहले ख्वाजा के जूते पर लिखे मैसेज को लेकर काफी बवाल मचा। दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस मामले में ख्वाजा के साथ खड़ा रहा, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नियमों के तहत ख्वाजा इन जूतों के साथ इंटरनेशनल मैच नहीं खेल सकते। ऑस्ट्रेलिया का प्लेइंग XI एक दिन पहले घोषित किया गया और कप्तान पैट कमिंस ने साफ किया कि ख्वाजा इन जूतों के साथ मैदान पर खेलने नहीं उतरेंगे। इन सबके बीच ख्वाजा का एक नया वीडियो सामने आया है।

उन्होंने एक वीडियो में कहा, 'मैं ज्यादा नहीं कहूंगा, मुझे ज्यादा कहने की जरूरत ही नहीं है। क्या आजादी सबके लिए नहीं है, या फिर क्या सबका जीवन बराबर नहीं है? मैं अगर अपनी बात करूं तो मुझे जाति, रंग, धर्म या कल्चर से फर्क नहीं पड़ता। मैं अपना उदाहरण देता हूं अगर मेरे ये कहने से कि सबका जीवन बराबर है, लोग बुरा मान जा रहे हैं, और मुझे इसे हटाने के लिए कह रहे हैं, क्या यह ज्यादा बड़ी परेशानी नहीं है?'

ख्वाजा ने आगे कहा, 'मैं कुछ लोगों की बात नहीं कर रहा हूं, आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसे लोग बहुत ज्यादा हैं। मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं, मेरे लिए हर एक इंसान की जान बराबर है। एक ईसाई की जिंदगी बराबर है एक मुस्लिम की जिंदगी के और एक हिंदू की जिंदगी और यह लिस्ट इस तरह बढ़ती जाती है। मैं सिर्फ उन लोगों की आवाज बनना चाहता हूं, जिनकी अपनी आवाज नहीं है या दबा दी गई है। यह मेरे दिल के बहुत करीब है। जब मैं सुनता हूं कि हजारों बच्चों की जान जा रही है, तो मुझे अपनी दो बेटियों का ध्यान आता है। अगर ये इनके साथ हुआ तो क्या…कोई नहीं चुनता है कि उनका जन्म कहां हो। आईसीसी ने जब मुझसे कहा कि मैं अपने जूते फील्ड पर नहीं पहन सकता क्योंकि यह पॉलिटिकल मैसेज है और यह हमारी गाइडलाइन्स के खिलाफ है। मैं उनकी बात नहीं मानता हूं मेरा मानना है कि यह मानवीय अधिकारों से जुड़ा हुआ मुद्दा है।'

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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