रायपुर-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है इसके साथ ही पूर्व विधायकों के बगावती शुरू उठने शुरू हो गए। अब यह नाराज विधायक दिल्ली दरबार की शरण में पहुंच गए हैं इनमें पूर्व विधायक विनय जायसवाल और बृहस्पति सिंह के नेतृत्व में 22 पूर्व विधायक दिल्ली पहुंचे हुए हैं। इन 22 पूर्व विधायकों से हाईकमान की चर्चा होगी। फिलहाल विधायकों की मुलाकात केसी वेणुगोपाल से हुई है उन्होंने हाईकमान से मिलाने का आश्वासन पूर्व विधायकों को दिया है।
पूर्व विधायकों पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा की गई कार्रवाई के बाद विधायकों का दल दिल्ली पहुंचा है। सभी पूर्व विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं लेकिन उनकी मुलाकात खड़गे से नहीं हो पाई है। पूर्व विधायकों ने केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हो रही गतिविधियों की जानकारी उन्हें दी है सभी पूर्व विधायकों को आलाकमान से मुलाकात करने का आश्वासन भी दिया है।
पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल ने कहा कि वेणुगोपाल जी से पूर्व विधायकों के साथ एक डेलिगेशन ने मुलाकात की है। उनसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जो करारी हार हुई है उसको लेकर हमने अपनी बातों को रखा है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि दिल्ली का जो सर्वे है रणनीतिकारों ने नहीं होने दिया। केसी वेणुगोपाल ने हम लोगों को बताया है और कहा है कि जिन 22 विधायकों की टिकट काटी गई थी उन पूर्व विधायकों को बुलाकर वन टू वन चर्चा करने की बात कही है। हमें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद सबसे पहले बलरामपुर से पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने हार का ठीकरा प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव पर फोड़ा है। इसके बाद पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने प्रदेश से प्रभारी चंदन यादव पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया।पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने भी पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके फल स्वरुप पार्टी ने इन सभी नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।