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पेंटागन को छोड़ा पीछे, डेढ़ लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, 5 पॉइंट्स में समझिए सूरत का ‘हीरा’ क्यों है डायमंड बोर्स

सूरत
सूरत में दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स डायमंड बोर्स का उद्घाटन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन करते हुए इसे डायमंड सिटी सूरत की भव्यता में एक और हीरा बताया। डायमंड बोर्स बोर्स बेहद खास माना जा रहा है जिसने अमेरिका के पेंटागन को भी पीछे छोड़ दिया है। यह आभूषणों और हीरों के विश्वव्यापी व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र होगा, जो पॉलिश और बिना पॉलिश किए पत्थरों के लिए वैश्विक बाज़ार के रूप में काम करेगा। आइए पांच पॉइंट में समझते हैं इसकी खासियत

1. 4,500 से अधिक नेटवर्क कार्यालयों के साथ, डायमंड बोर्स दुनिया की सबसे बड़ी इंटरकनेक्टेड इमारत है। 67 लाख वर्ग फुट में बना ये ऑफिस कॉम्प्लेक्स  पेंटागन से भी बड़ा है। अब तक पेंटागन को दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय का खिताब मिला हुआ था। लेकिन अब ये स्थान डायमंड बोर्स को मिल चुका है।

2. नवनिर्मित सूरत डायमंड बोर्स, पॉलिशर्स, कटर्स और व्यापारियों सहित 65,000 से अधिक हीरा पेशेवरों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन होगा। इसमें आयात और निर्यात के लिए एक अत्याधुनिक  सीमा शुल्क निकासी गृह  खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित तिजोरी जैसी सुविधाएं होगी।

3. 35 एकड़ में फैला डायमंड बोर्स 3400 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। माना जा रहा है कि इससे डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और दुनिया भर से हीरा खरीदने वालों को सूरत में ग्लोबल मार्केट मिलेगा।

4. एसडीबी वेबसाइट के मुताबिक, परिसर में एक मनोरंजक क्षेत्र और पार्किंग क्षेत्र है जो 20 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है और लैंड स्केपिंग पंचतत्व (पांच तत्वों) पर आधारित है। इसके अलावा कॉन्फ्रेंस के लिए भी अलग से क्षेत्र बनाया गया है।

5. डायमंड बोर्स चार साल में बनकर तैयार हुआ है। इसमें 4700 से ज्यादा ऑफिस चल सकते हैं। इसका डिजाइन मॉर्फोजेनेसिस ने तैयार किया था।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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