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राजनीति

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षियों को चिदंबरम की सलाह- ‘भाजपा हर चुनाव ऐसे लड़ती है जैसे यह अंतिम लड़ाई हो’

नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने हाल में हुए छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को ‘‘अप्रत्याशित'' और ‘‘चिंता का विषय'' बताया। चिदंबरम ने एजेंसी से एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर चुनाव ‘‘ऐसे लड़ती है कि जैसे यह अंतिम लड़ाई हो'' और विपक्षी दलों को इसका ‘‘अहसास होना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘तीन राज्यों -छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए काफी उत्साह बढ़ाने वाली है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की हार अप्रत्याशित है। नतीजे चिंताजनक हैं और मुझे यकीन है कि पार्टी का नेतृत्व कमजोरियों पर ध्यान देगा।'' बहरहाल, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि चार बड़े राज्यों – राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में पार्टी का 40 फीसदी मत प्रतिशत ‘‘बरकरार नजर आता है।'' चिदंबरम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अंतिम व्यक्ति तक चुनाव प्रचार कर, बूथ प्रबंधन और मतदान वाले दिन सुस्त मतदाता को मतदान केंद्र तक लाने जैसे मुद्दों से निपटकर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का मत प्रतिशत 45 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। हाल में हुए चुनाव में भाजपा ने उन तीनों राज्य में कांग्रेस को हरा दिया, जहां दोनों के बीच कड़ा मुकाबला था।

कांग्रेस को इसका जवाब तलाशना पड़ेगा
भाजपा ने कांग्रेस से राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्य छीन लिए तथा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी। कांग्रेस के लिए राहत की केवल यही बात रही कि उसने तेलंगाना में जीत दर्ज करते हुए भाजपा को तीसरे नंबर पर धकेल दिया। भाजपा के ‘‘ध्रुवीकरण, परोक्ष मुस्लिम विरोधी और ईसाई विरोधी प्रचार और अति राष्ट्रवाद'' पर चिंता जताते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पार्टी को इसका करारा जवाब तलाशना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह जबरदस्त संयोजन है। भाजपा ने कल्याणकारी कदमों (तथाकथित मुफ्त की रेवड़ियों) के खिलाफ अपना राग छोड़ दिया है। लेकिन मुझे ध्रुवीकरण, परोक्ष मुस्लिम विरोधी और ईसाई विरोधी प्रचार तथा अति-राष्ट्रवाद को लेकर अधिक चिंता है। उत्तरी और मध्य भारत के राज्य इस तरह की अपील से अधिक प्रभावित दिखते हैं। कांग्रेस को इसका उचित जवाब तलाशना पड़ेगा।'' जाति जनगणना के 2024 के चुनावों के लिए पार्टी का शीर्ष एजेंडा होने पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन शायद निर्णायक कारक न हो। मेरी राय में बेरोजगारी और महंगाई सूची में शीर्ष पर हैं। प्रत्येक सर्वेक्षण में ये दो मुद्दे हैं, जिनसे लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं।'' यह पूछने पर कि क्या नोटबंदी, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का आगामी चुनावों में भाजपा के वोट बैंक पर असर पड़ेगा, इस पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘नोटबंदी एक पुराना मुद्दा है।

हवा भाजपा के पक्ष में बह रही
अगर सरकार एनआरसी और सीएए को लागू करने की कोशिश करती है, तो वे महत्वपूर्ण मुद्दे बन जाएंगे।'' अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का अनुमान जताने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर चिदबंरम ने कहा, ‘‘हवा भाजपा के पक्ष में बह रही है। लेकिन हवा की दिशा बदल सकती है। भाजपा कभी किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेती। वह ऐसे लड़ती है, जैसे कि यह आखिरी लड़ाई हो। विपक्षी दलों को भाजपा के लड़ने के गुण का अहसास होना चाहिए।'' विपक्षी गुट ‘इंडिया' की लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर कांग्रेस नेता ने कहा कि गठबंधन के नेताओं को उन उम्मीदवारों की पहचान करनी होगी, जो कम से कम 400-425 सीटों पर भाजपा से मुकाबला कर सकते हैं। ‘इंडिया' गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के चेहरे और उसकी सीट बंटवारे की योजनाओं पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेताओं के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया से प्रधानमंत्री पद के चेहरे की पहचान करने में मदद मिलेगी, लेकिन उससे कहीं ज्यादा आगामी लोकसभा चुनाव जीतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का चयन चुनावों के बाद किया जाएगा। नेता का चयन करने में लोगों की प्रतिक्रिया अहम होगी। फिलहाल मुख्य लक्ष्य चुनाव जीतना है।''

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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