पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान दिल्ली तलब, नाराजगी की चर्चाओं के बीच जेपी नड्डा से होगी मुलाकात
भोपाल
हाल ही में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त हुए शिवराज सिंह चौहान के भविष्य को लेकर लग रहीं अटकलों के बीच पूर्व सीएम मंगलवार को दिल्ली जाएंगे। 19 दिसंबर को शिवराज सिंह चौहान की दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार चौहान मंगलवार सुबह दिल्ली जाएंगे और दिन में नड्डा से मुलाकात करेंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद चौहान का यह पहला दिल्ली दौरा है।
शिवराज और नड्डा के बीच मुलाकात का अजेंडा क्या है यह तो सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री की नई भूमिका को लेकर पार्टी अध्यक्ष उनसे चर्चा कर सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान और नड्डा के बीच भाजपा मुख्यालय में दोपहर करीब 12 बजे मुलाकात होगी। इससे पहले चर्चा थी कि वह सोमवार को ही नड्डा से मुलाकात करेंगे। नड्डा के अलावा शिवराज पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
शिवराज को लेकर अटकलें
शिवराज की नई भूमिका को लेकर खूब अटकलें लग रही हैं। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डेढ़ दशक से अधिक समय तक मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर चुके शिवराज के अनुभव का फायदा अब पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहेगी। 2024 से पहले शिवराज को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है या पार्टी में बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
शिवराज को पार्टी के अगले आदेश का इंतजार
प्रचंड बहुमत की सरकार देकर एमपी से विदा हुए शिवराज सिंह चौहान ने साफ किया है कि वह पार्टी के कार्यकर्ता हैं और जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे स्वीकार करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी साफ किया कि उन्होंने अपनी ओर से कोई मांग नहीं रखी है। पिछले दिनों पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यहां तक कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर वह मरना पसंद करेंगे।
दिल्ली बुलाने के क्या हैं मायने ?
बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान के बाद शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। यहां उन्होने कहा था कि वो इस बात से संतुष्ट है कि सबसे भारी बहुमत वाली सरकार बनाकर जा रहे हैं। वही शिवराज ने कहा था कि इस जीत में लाड़ली बहना योजना का भी जबरदस्त योगदान है। इसी के साथ एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा था कि ‘अपने लिए कुछ मांगने दिल्ली जाने से बेहतर मैं मरना समझूंगा..वो मेरा काम नहीं है।’
इसी के साथ उन्होने कहा था कि वो मध्य प्रदेश में ही रहेंगे। उन्होने कहा था कि ‘मध्य प्रदेश में बैठा हूं..मध्य प्रदेश कहां छूटेगा।” लेकिन अब दिल्ली से उनका बुलावा आया है। इससे पहले भी शीर्ष नेतृत्व कह चुका है कि शिवराज सिंह चौहान के लंबे राजनीतिक अनुभव का पार्टी सही उपयोग करेगी। इसलिए ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि उन्हें दिल्ली में ही कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। मध्य प्रदेश में 19 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं हैं और इस बीच देखना होगा कि आज की मुलाकात का क्या नतीजा निकलता है।