तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण खेत, सड़कें और रिहायशी इलाके जलमग्न
चेन्नई/कन्याकुमारी
कन्याकुमारी, तिरुनेलवेल्ली, थूथुकुडी और तेनकासी सहित दक्षिणी तमिलनाडु के कई हिस्सों में हाल के दिनों में हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचायी है तथा धान के खेत, सड़कें, रिहायशी इलाके तथा पुल जलमग्न हो गए है।
मुख्य सचिव शिव दास मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि बारिश और बाढ़ की वजह से सेना, नौसेना और वायु सेना की मदद मांगी गई है। उन्होंने कहा कि बचाव और राहत अभियान के लिए 84 नौकाएं तैनात की गई है तथा सरकार ने 19 दिसंबर को चारों जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
अधिकारी ने बताया कि थूथुकुडी और श्रीवैकुंटम और कयालपट्टिम जैसे क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त नौकाएं तैनात की गई है।
उन्होंने बताया कि कम से कम 7,500 लोगों को इलाके से सुरक्षित निकाला गया तथा उन्हें 84 राहत शिविरों में रखा गया है।
अधिकारी ने बताया कि 'कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल' के जरिए 62 लाख लोगों को एसएमएस अलर्ट भेजे गए।
‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल’ (एनडीआरएफ) और ‘राज्य आपदा मोचन बल’ (एसडीआरएफ) के कर्मियों, अग्निशमन और बचाव सेवा तथा पुलिस टीमों ने भारी बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला तथा उन्हें स्कूलों और विवाह स्थलों पर आश्रय दिया।
दक्षिणी रेलवे ने कहा कि तिरुनेलवेल्ली-तिरुचेंदूर खंड में श्रीवैकुंटम और सेदुंगनल्लूर के बीच यातायात निलंबित कर दिया है। उसने बताया कि रेलवे ट्रैक से ‘गिट्टियां’ बह गईं तथा रेलवे पटरियों पर पानी बह रहा है।
रेलवे ने बताया कि दक्षिणी क्षेत्रों से संचालित होने वाली कई ट्रेन सेवाओं को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है, कुछ ट्रेनों को आशिंक रूप से निलंबित कर दिया गया है तथा कुछ ट्रेनों का मार्ग बदला गया है।
अधिकारियों ने बताया कि ओट्टापिडारम के पास मदुरै की एक लिंक रोड पूरी तरह से कट गई है तथा कन्याकुमारी जिले के ओझुगिनचेरी में पानी का स्तर चार फुट से अधिक हो गया है, जिससे पजाहायरू नदी के उफान पर होने से धान के खेत डूब गए हैं। वहीं, नागरकोइल में मीनाक्षी गार्डन और रेलवे कॉलोनी जैसी आवासीय बस्तियां जलमग्न हो गई।
उन्होंने बताया कि फंसे हुए लोगों को अग्नि और बचाव एवं आपदा मोचन बल के कर्मियों द्वारा तुरंत निकाला गया।