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बादलों के बीच से होगा सफर, दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज पर दौड़ेगी वंदे भारत, कितना शानदार होगा नजारा

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज बना है। इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर (1178 फीट) है। यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से भी ऊंचा है। इस ब्रिज के बनने की वजह से उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक भी और खूबसूरत नजर आएगी। जल्द ही इस रूट पर वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। रेल ब्रिज की ऊंचाई अधिक होने की वजह से कई बार बादल भी नीचे दिखाई देते हैं और ऐसे में जब वंदे भारत चलेगी तो वह दृश्य देखने वाला होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अक्टूबर महीने में कहा था कि कश्मीर को जल्द ही जम्मू-श्रीनगर मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने वाली है। वैष्णव ने कहा था, "जम्मू से श्रीनगर रेलवे लाइन जल्द ही पूरी हो जाएगी और उस पर वंदे भारत को भी चलाया जाएगा। " रेल मंत्री ने आगे कहा कि ट्रेन को अनोखे तरीके से डिजाइन किया गया है ताकि वे उस तापमान और ऊंचाई में बहुत आसानी से चल सकें।

हाल ही में रेल मंत्रालय ने वंदे भारत ट्रेन के आठ कोच को अलॉट किया है, जोकि जल्द ही उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर चल सकेगी। जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन जम्मू कश्मीर के लिए दूसरी वंदे भारत ट्रेन होगी और कश्मीर तक पहुंचने के लिए पहली। दरअसल, इस समय, नई दिल्ली से कटरा के लिए वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जा रहा है, जिससे मां वैष्णो देवी की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को काफी फायदा होता है। यूएसबीआरएल परियोजना कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी। लगभग 1,400 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, चिनाब रेल ब्रिज हाल के इतिहास में भारत में किसी भी रेलवे परियोजना के सामने आने वाली सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती थी।

दुनिया के सबसे ऊंचे सिंगल-आर्क रेलवे ब्रिज का उद्घाटन इस साल 13 अगस्त को किया गया था। पुल निर्माण को 2004 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन मौसम की खराब स्थितियों के कारण इसमें देरी हुई। टेक्ला नामक सॉफ्टवेयर द्वारा डिजाइन किए गए इस पुल में हाई कैटेगरी का स्टील इस्तेमाल हुआ है जो माइनस-10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकता है। इसके अलावा, यह आठ तीव्रता के भूकंप का भी सामना कर सकता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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