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22 जनवरी राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के दिन हिंदू कर्मचारियों को मिलेगी 2 घंटे की छुट्टी, मॉरीशस सरकार का ऐलान

पोर्ट लुईस

मॉरीशस में हिंदू कर्मचारियों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान 2 घंटे की विशेष छुट्टी दी जाएगी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को पास किया है। इसके अनुसार 22 जनवरी 2024 को दोपहर 2 बजे से 2 घंटे के लिए सभी हिंदू कर्मचारियों को छुट्टी दी गई है। यह फैसला भारत में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए लिया गया है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह ऐतिहासिक घटना है क्योंकि अयोध्या में भगवान राम की वापसी हो रही है।

16 जनवरी से कार्यक्रम की शुरूआत

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश दुनिया के 7000 से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे। सभी गणमान्य नागिरकों को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। बॉलीवुड से लेकर स्पोर्ट्स और उद्योग जगत की मशहूर हस्तियां कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगी। इसके अलावा करीब 4000 साधू संतो को विशेष तौर पर अयोध्या आमंत्रित किया गया है। देश भर के मंदिरों में इस दिन दिए जलाए जाएंगे और पूजा पाठ का आयोजन किया जाना है। इसी क्रम में अब मॉरीशस जैसे देश ने यह बड़ी घोषणाा की है हिंदू कर्मचारियों को दो घंटे की विशेष छुट्टी का ऐलान किया है।

कांचीपुरम मठ में 40 दिनों का पूजन कार्यक्रम

कांची के शंकराचार्य विजयेंद्र सारस्वत स्वामीगल ने ने कहा कि 100 से ज्यादा स्कॉलर यज्ञशाला में 40 दिनों तक पूजा और हवन कार्यक्रम संचालित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल रहेंगे। पीएम मोदी की देखरेख में ही मंदिर का निर्माण हो रहा है। केदारनाथ और विश्वनाथ मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया है। कांची मठ में यह पूजा राम मंदिर निमित्त ही कराई जा रही है। हाल ही में कई शंकराचार्यों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विरोध कर दिया था। कहा जा रहा है कि मंदिर निर्माण अधूरा है, ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है. वैदिक अनुष्ठान प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होगा. इससे पहले बुधवार को अमेरिका में भारतीय दूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा था कि रामायण विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एक ब्रिज है. यह लोगों को मानवीय रिश्तों की जटिलताओं के साथ ही अच्छे और बुरे के बीच शाश्वत संघर्ष के बारे में सिखाता है. वाशिंगटन डीसी में यूएस कैपिटल हिल में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि कई पीढ़ियों से रामायण की कहानियां प्रसारित की जाती रही हैं. यह कहना मुश्किल है कि कोई उन्हें कब सीखता है. 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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