RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकी हाफिज सईद का बेटा लड़ रहा चुनाव, भारत मुद्दा बनाकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दरकिनार करेगा

नई दिल्ली
 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है। तल्हा हाफिज सईद के समर्थन वाली पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग से चुनाव में खड़ा हो रहा है। आतंकी संगठनों के सीधे-सीधे चुनावी मेनस्ट्रीम में एंट्री को लेकर भारत ने प्रतिक्रिया जताई है। भारत ने कहा है कि ऐसी घटनाओं का हमारे क्षेत्र की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है और हम ऐसी घटनाओं पर नजर रखते हैं। तल्हा सईद के बेटे का मुद्दा बनाकर भारत कूटनीतिक चाल से पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय स्तर पर दरकिनार करेगा।

भारत ने पाकिस्तान से हाफिज को सौंपने के लिए कहा
भारत ने पाकिस्तान का असली चेहरा सबके सामने लाने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत ने पाकिस्तान से हाफिज सईद के प्रत्यर्पण करने के लिए भी कहा है। हाफिज सईद कथित तौर पर भले ही जेल में बंद है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर अभी भी आर्मी और राजनीति दोनों पर उसका प्रभाव है। सईद की पार्टी इस्लामी वेलफेयर राज्य की बातें करती है। हालांकि इसकी शुरुआत महंगाई का विरोध करने से हुई थी। माना जा रहा है कि इस पार्टी में कई घोषित आतंकवादी शामिल हैं।

हाफिज के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह मुंबई में हुए 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर सरगना हाफिज सईद को सौंपे। पाकिस्तान के मीडिया में यह दावा किया गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से हाफिज के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। इस बारे में जब पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता जहरा बलोच से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अटकलों पर आधारित रिपोर्टिंग के तहत पूछा गया सवाल है। हम इस तरह की रिपोर्टों पर कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगे।

कई देशों ने घोषित किया है आतंकी
हाफिज जम्मू-कश्मीर समेत देश में हुई कई अन्य आतंकी वारदात में भी वॉन्टेड है। उसे भारत के अलावा अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने भी आतंकवादी घोषित किया है और उस पर इनाम भी है। आतंकी फंडिंग मामले में हाफिज सईद कथित तौर पर जेल में है। लेकिन कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि वह घर में ही नजरबंद है। उसे चार साल से किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं देखा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यर्पण की कोई औपचारिक संधि नहीं है, बावजूद इसके दोनों देश चाहें तो मानवता के खिलाफ होने वाली आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए इस प्रकार के आतंकवादियों पर प्रत्यर्पण के जरिए अंकुश लगा सकते हैं।

वहीं तल्हा सईद के चुनाव लड़ने को लेकर भी भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘चरमपंथी तत्वों का चुनाव में हिस्सा लेना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है।’ उन्होंने साथ में यह भी कहा कि हम दूसरे देशों के चुनाव पर बयान नहीं देना चाहते, लेकिन चरमपंथी और अतिवादी तत्वों का मुख्यधारा में आना पाकिस्तान के लिए नई बात नहीं है। ऐसी घटनाओं का हमारे क्षेत्र की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है और हम ऐसी घटनाओं पर नजर रखते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button