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भारत ने गिलानी की पार्टी पर लगाया बैन, बौखलाई काकर सरकार, उगला जहर

इस्‍लामाबाद
 जम्‍मू-कश्‍मीर में सक्रिय तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन पर भारत सरकार के बैन लगाने के बाद पाकिस्‍तान बौखला गया है। तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन पाकिस्‍तान के पालतू सैयद अली शाह गिलानी ने किया था। अमित शाह के नेतृत्‍व वाले भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत तहरीक-ए-हुर्रियत पर बैन लगाया है। साल 2018 के बाद कश्‍मीर में यह ऐसा छठवां संगठन है जिस पर केंद्र सरकार ने बैन लगाया है। भारत के इस ऐक्‍शन के बाद पाकिस्‍तान के व‍िदेश मंत्रालय ने इसकी निंदा की है। बलूचों के ऊपर लाठियां बरसाने वाले पाकिस्‍तान ने कहा कि गिलानी की पार्टी के ऊपर बैन लगाना मानवाधिकारों का उल्‍लंघन है।

पाकिस्‍तान के व‍िदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करके कहा कि यह एक सप्‍ताह के अंदर दूसरा ऐसा कश्‍मीरी संगठन है जिस पर भारत सरकार ने बैन लगाया है। इससे पहले मसर्रत आलम की पार्टी मुस्लिम जम्‍मू-कश्‍मीर को भी भारत ने 'गैरकानूनी' करार दे दिया था। पाकिस्‍तान ने कहा कि इस बैन के साथ ही कुल प्रतिबंधित पार्टियों की संख्‍या 6 हो गई है। पाकिस्‍तान ने कहा कि तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन सैयद अली शाह गिलानी ने किया था जिनकी साल 2021 में नजरबंदी के दौरान मौत हो गई।

भारत ने किन-क‍िन संगठनों पर लगाया बैन

बलूचों के अधिकारों को सेना के बूटों के तले रौंदने वाले पाकिस्‍तान ने आरोप लगाया कि भारत कश्‍मीरी लोगों के साथ अन्‍याय कर रहा है और व‍िरोध करने वाली आवाजों को दबाया जा रहा है। हिंदुओं को अधिकार नहीं देने वाले पाकिस्‍तान ने यह भी आरोप लगाया कि यह लोकतांत्रिक मानकों, अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय कानून का उल्‍लंघन है। पाकिस्‍तान ने भारत से कश्‍मीर में प्रतिबंध को हटाने के लिए कहा। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तहरीक-ए-हुर्रियत पर गैर कानूनी गतिव‍िध‍ि रोकथाम कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया था।

तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन साल 2004 में सैयद अली शाह गिलानी ने किया था। पाकिस्‍तान के पालतू गिलानी ने जमात-ए-इस्‍लामी से अपना रास्‍ता अलग करते हुए तहरीक-ए-हुर्रियत नाम से नई पार्टी बनाई थी। इसमें जमात-ए-इस्‍लामी से ज्‍यादातर सदस्‍य शामिल हुए थे। इससे पहले भारत सरकार दुख्‍तरान-ए- मिल्‍लत, जमात-ए-इस्‍लामी, यासिन मलिक की पार्टी जेकेएलएफ, डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी और मुस्लिम लीग को गैरकानूनी घोषित कर चुकी है। इससे पाकिस्‍तान के अलगाववादी मंसूबों को करारा झटका लगा है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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